रिश्वतखोर बाबू रंगेहाथ गिरफ्तार! GPF के बदले मांगे थे 50 हजार, एंटी करप्शन ब्यूरो ने दबोचा

रायपुर। छत्तीसगढ़ के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कार्यालय में कार्यरत एक भ्रष्ट बाबू चवाराम बंजारे को आज 50,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने एक रिटायर्ड लैब टेक्नीशियन से जीपीएफ और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की थी।
प्रार्थी तुकाराम लहरे, जो स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त लैब टेक्नीशियन हैं, ने एंटी करप्शन ब्यूरो, रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि चवाराम बंजारे, बाबू (आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा कार्यालय, स्वास्थ्य भवन, नया रायपुर) उनसे 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग कर रहा है। प्रार्थी रिश्वत देना नहीं चाहता था, बल्कि आरोपी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।
सुनियोजित ट्रैप में फंसा भ्रष्टाचारी
शिकायत के सत्यापन के बाद 16 जून को ट्रैप की योजना बनाई गई, और योजना के अनुसार जब प्रार्थी ने आरोपी को रिश्वत की राशि सौंपी, उसी समय एसीबी की टीम ने दबिश देकर आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। अब आरोपी के खिलाफ धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) के तहत कार्रवाई की जा रही है।
भ्रष्टाचार पर करारा प्रहार
यह कार्रवाई नवा रायपुर के शासकीय कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश देती है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हक की रकम के एवज में रिश्वत की मांग करना न केवल अनैतिक, बल्कि आपराधिक कृत्य है, और इस पर ऐसी सख्त कार्रवाई स्वागत योग्य है।