धर्मांतरण का गंदा खेल- चंगाई सभा में आदिवासियों को बुलाकर कहा….धर्म परिवर्तन कर लो सरकारी नौकरी मिलेगी ! पुलिस ने 2 को किया गिरफ्तार

बलरामपुर। बलरामपुर जिला में सरकारी नौकरी का लालच देकर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां चंगाई सभा में भोले-भाले आदिवासी और पहाड़ी कोरवा परिवारों को बुलाकर धर्म परिवर्तन का खेल खेला जा रहा है। ग्रामीणों को धर्म परिवर्तन करने पर मुफ्त इलाज, शिक्षा के साथ ही सरकारी नौकरी देने का झांसा दिया जा रहा है। शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक ये पूरा मामला राजपुर विकासखंड के ग्राम बैढ़ी की बतायी जा रही है। यहां मंगलवार की रात एक मकान के बगल में चंगाई सभा का आयोजन किया गया था। इस सभा में लगभग 200 आदिवासी ग्रामीण मौजूद थे। जिन्हे प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा था। धर्मांतरण की सूचना मिलने के बाद एसडीएम और पुलिस की टीम रात में ही मौके पर पहुंची। पुलिस और प्रशासन की टीम को देखकर मौके पर हड़कंप मच गया।
चंगाई सभा में मौजूद लोगों से पूछताछ में पता चला कि चंगाई सभा की आड़ में उन्हे धर्मांतरण करने पर शिक्षा, स्वास्थ्य लाभ के साथ ही सरकारी नौकरी मिलने की जानकारी दी जा रही थी। झूठे प्रलोभन देकर भोले भाले आदिवासियों का धर्मांतकरण कराये जाने की शिकायत पर पुलिस ने प्राथमिक रिपोर्ट पर देर रात में ही दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। दूसरे दिन सुबह गिरफ्तार आरोपियों की रिहाई को लेकर एक समुदाय विशेष के लोग थाने में पहुंचे।
लेकिन पुलिस ने अपनी कार्रवाई जारी रखी। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बाहर से आकर क्षेत्र में भारी संख्या में पास्टर व अन्य लोग धर्मांतरण को बढ़ावा देकर गरीब आदिवासियों को अपना शिकार बना रहे हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस की विवेचना में यह बात सामने आई है कि भोले-भाले ग्रामीणों को मुफ्त शिक्षा, मुफ्त इलाज और सरकार के उच्च पदों पर नौकरी दिए जाने का लालच दिया जा रहा था। इसमें भोले भाले पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग ज्यादातर शामिल हैं। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रदीप भगत और परसु बेक को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।