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सुशासन तिहार में भारती देवांगन को मिला तत्काल श्रमिक कार्ड

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ShivApr 18, 20252 min read

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आरक्षक से मारपीट, फरार तीन आरोपी दुर्ग से गिरफ्तार, भेजे गए जेल

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हार्डवेयर व्यापारी के लाइसेंसी पिस्टल से चली गोली, ऑटो पार्ट्स दुकान संचालक की हालत गंभीर, इलाज जारी…

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ShivApr 18, 20251 min read

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April 18, 2025

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गरीब लड़कियों की शादी नहीं करवा पा रही सरकार : भूपेश बघेल

रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की नई बीजेपी की सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता के कारण सामूहिक कन्या विवाह प्रदेश भर में नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों की शादी के कार्ड बंट गए, चुलमाटी से लेकर मंडप और मेहंदी तक की रस्में हो गईं, लेकिन सरकार द्वारा फंड जारी नहीं करने के कारण विवाह कैंसिल करना पड़ा।

पूर्व सीएम ने कहा कि आवेदन तो स्वीकार कर लिया गया, लेकिन समय रहते फंड जारी नहीं किया गया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस योजना की राशि 25 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए किया था।

चरौदा में 90 से ज्यादा जोड़ों की नहीं हो पाई शादी

भिलाई के चरौदा में 14 और 22 फरवरी को 90 से अधिक जोड़ों का विवाह फंड नहीं होने के कारण तय तारीख पर नहीं हो पाया। ये केवल एक जगह की बात नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश का यही हाल है। लगातार इसकी शिकायत भी हो रही है, लेकिन सरकार की असंवेदनशीलता के कारण गरीब की बेटियों और उनके परिजनों को अपमानित होना पड़ रहा है। राजधानी रायपुर में हरदिहा साहू समाज ने भी सामूहिक विवाह का आयोजन किया है, जिसमें 100 जोड़ों का पंजीयन हुआ है, लेकिन सरकार ने अब तक इसके लिए पैसे जारी नहीं किए हैं।

ये सिर्फ योजना नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व

भूपेश बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक निर्धन कन्या योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि सरकार का सामाजिक दायित्व है। इस योजना के जरिए गरीब वर्ग की बेटियों के भविष्य के लिए सम्मानजनक राह बनाना है, ताकि उनके विवाह और भविष्य में आर्थिक परेशानियां नहीं आएं, इसलिए इस योजना के लिए 50 हजार रुपए की राशि का प्रावधान कांग्रेस सरकार ने किया था।

इसमें युवती के खाते में 21 हजार रुपए डाले जाते थे। साथ ही 15 हजार रुपए के बर्तन, दैनिक उपयोग का सामान और 6 हजार रुपए विवाह में खर्च के लिए दिए जाते थे। पूर्व सीएम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार वैवाहिक जोड़ों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है और इस संवेदनशील विषय पर भी लापरवाह बनी हुई है।