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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में हुये शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को इंदौर के ऐतिहासिक…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में विभिन्न…

उप मुख्यमंत्री अरुण साव सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

रायपुर।    उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज महासमुंद जिले के…

उप मुख्यमंत्री अरुण साव कर्मा माता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा एवं सम्मान समारोह में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

रायपुर।  उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज महासमुंद के बसना विकासखंड…

तेज रफ्तार स्कॉर्पियो बिजली खंभा तोड़ते हुए टकराई दीवार से, शादी से लौट रहे 7 लोग घायल…

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ShivMay 11, 20251 min read

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May 12, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ी माध्यम में पढ़ाई की मांग पर एकजुट हुए सहित्यकार, पत्रकार और छात्र संगठन, छत्तीसगढ़ी में प्रस्ताव लाने पंचायतों को भी करेंगे जागरूक

रायपुर-  मोदी की गारंटी नई शिक्षा नीति को पूरी तरह से स्कूलों में लागू कराने के लिए छत्तीसगढ़ के साहित्यकार, पत्रकार और छात्र संगठन एक ही मंच में आकर एक जुट हो रहे हैं. मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी समिति की ओर से आयोजित ‘छत्तीसगढ़ी जुराव बइठका म’ में कई सहित्यकार, पत्रकार और एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के लोग शामिल हुए.

समिति की ओर से यह निर्णय लिया गया कि पंचायतों में छत्तीसगढ़ी में काम-काज हो इसके लिए प्रस्ताव लाकर ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा. माता-पिता अपने बच्चों की भाषा स्कूलों में मातृभाषा ही दर्ज कराए इसके लिए पहल करेंगे. यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायत से लेकर मंत्रियों के निवास तक जाकर छत्तीसगढ़ी माध्यम में पहली से पाँचवीं तक की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू इसके लिए दबाव बनाएंगे.

साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि समय-समय छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का नाम वापस छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग कराने और आयोग में अध्यक्ष सहित सदस्यों की नियुक्ति जल्द कराने मुख्यमंत्री से मिलेंगे. बैठक में शामिल छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संयोजक नंदकिसोर सुकुल ने कहा कि छत्तीसगढ़ियों को अपनी महतारी भाषा के लिए अब एकजुट हो जाना चाहिए. बच्चों का सही और तेज विकास मातृभाषा शिक्षा में ही संभव है. मोदी की गारंटी नई शिक्षा नीति में भी यही बात शामिल है. ऐसे में साय सरकार को इस गांरटी को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ी माध्यम में तत्काल पढ़ाई शुरू करा देनी चाहिए.

साहित्यकार सुधीर शर्मा ने कहा छत्तीसगढ़ी माध्यम तत्काल पढ़ाई शुरू की जा सकती है. बस इच्छा शक्ति की जरूरत है. छत्तीसगढ़ी का समृद्ध साहित्य है, व्याकरण भी है. लिपि देवनागरी और इसे लेकर कहीं कोई तकनीकी समस्या नहीं है. आठवीं अनुसूची जैसी कोई बाध्यता भी नहीं है. संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी ने कहा छत्तीसगढ़ी राज्य की सम्पर्क भाषा है. छत्तीसगढ़ी उत्तर से दक्षिण तक विस्तारित है. संस्कृति और परंपरा के लिए मातृभाषा का होना अनिवार्य है.

एम.ए. छत्तीसगढ़ी छात्र संगठन के अध्यक्ष ऋतुराज साहू ने कहा कि आज विश्वविद्यालय स्तर में छत्तीसगढ़ी की पढ़ाई हो रही है. एक नहीं पांच-पांच विश्वविद्यालय में. लेकिन दुर्भाग्य है कि स्कूलों में अब तक नहीं. स्कूलों में मिश्रित पढ़ाई कराई जा रही जिससे बच्चों में उलझन और बढ़ गई है.