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स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव बने नीलम टोप्पो, इन अफसरों का भी हुआ तबादला, देखिये आदेश

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ShivJun 10, 20251 min read

रायपुर।  राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सहित कई अधिकारियों का…

पूर्व IAS की बेटी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप, कांग्रेस ने की जांच की मांग

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ShivJun 10, 20253 min read

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी। जिला पंचायत अध्यक्ष नम्रता सिंह जैन पर फर्जी…

मनेन्द्रगढ़ बीईओ सुरेन्द्र जायसवाल निलंबित, शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में गंभीर अनियमितताओं का आरोप

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ShivJun 10, 20252 min read

रायपुर। सरगुजा संभाग के आयुक्त ने मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकास…

2021 बैच के आठ अधिकारियों का मिली नवीन पदस्थापना, देखिए लिस्ट

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ShivJun 10, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के…

नक्सलियों ने किया भारत बंद का आह्वन, गृह मंत्री विजय शर्मा बोले- एक मोहल्ला भी नहीं होगा बंद

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ShivJun 10, 20252 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में बीते दिनों जवानों ने मुठभेड़ में कई…

June 10, 2025

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गिद्ध संरक्षण पर रायपुर में कार्यशाला का होगा आयोजन, 15 नवंबर को आयोजित कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के गिद्ध विशेषज्ञ होंगे शामिल

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे वन्य जीव प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में वन विभाग द्वारा कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वन विभाग द्वारा 15 नवम्बर 2024 को नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में गिद्ध संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न राज्यों में गिद्ध संरक्षण हेतु कार्य कर रहे विशेषज्ञ राजधानी रायपुर में गिद्धों के संरक्षण पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। इस कार्यशाला में विशेषज्ञ और शोधार्थी अपने अनुभव साझा करेंगे और मध्य भारत में विशेषकर छत्तीसगढ़ में गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करेंगे। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस), बर्ड काउंट इंडिया और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस कार्यशाला में शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, अचानकमार टाइगर रिजर्व, बस्तर और गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व और अन्य वन्यजीव अभ्यारण्यों में गिद्धों की छह प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिसमे लॉन्ग बिल्ड वल्चर, व्हाइट रम्प्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर, हिमालयन वल्चर, यूरेशियन वल्चर, और सिनेरियस वल्चर शामिल हैं। जंगल सफारी के संचालक धम्म्शील गणवीर ने बताया कि गिद्ध जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, वे पर्यावरण में प्राकृतिक सफाईकर्मी के रूप में कार्य करते हैं और संक्रमण फैलने से रोकने में सहायक होते हैं। गिद्धों की संख्या में कमी के कारण पर्यावरण में जैविक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल छत्तीसगढ़ में बल्कि संपूर्ण देश में गिद्ध संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और गिद्ध संरक्षण में सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना है।