Special Story

देश के दुग्ध उत्पादन का 20 प्रतिशत मध्यप्रदेश से करने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

देश के दुग्ध उत्पादन का 20 प्रतिशत मध्यप्रदेश से करने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivNov 23, 20242 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश…

ACB ने पुलिस चौकी में रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों पकड़ा

ACB ने पुलिस चौकी में रिश्वत लेते प्रधान आरक्षक को रंगे हाथों पकड़ा

ShivNov 23, 20241 min read

दुर्ग।     छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की लगातार…

मुख्यमंत्री ने लगाये चौके-छक्के : बिलासपुर में मिनी स्टेडियम खिलाड़ियों को समर्पित

मुख्यमंत्री ने लगाये चौके-छक्के : बिलासपुर में मिनी स्टेडियम खिलाड़ियों को समर्पित

ShivNov 23, 20243 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने न्यायधानी बिलासपुर में आज…

November 23, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पर्यावरण संरक्षण के लिए रणनीति बनाकर करना होगा काम: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व के लिए विकराल समस्या है। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के कारण अनियमित वर्षा, लंबे समय तक सूखा, चक्रवाती वर्षा, वर्षा ऋतु के समय में परिवर्तन जैसी चुनौतियां पूरी दुनिया के साथ ही देश और प्रदेश के सामने भी हैं। इससे निपटने के लिए हमें रणनीति तय कर प्रकृति को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना होगा। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में दो दिवसीय ‘‘छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024‘‘ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप, विधायक एवं पद्मश्री सम्मानित अनुज शर्मा, पद्मश्री फूलबासन यादव, पद्मश्री हेमचंद मांझी और पद्मश्री जागेश्वर यादव, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव सहित वरिष्ठ अधिकारी, जनजाति समुदायों के प्रतिनिधि, वैद्यराज इस अवसर पर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज्यादा सुख-सुविधाओं की ओर बढ़ रहे है। जिससे असंतुलन की स्थिति बनती है, विसंगतियां आती हैं। जलवायु परिवर्तन की चुनौती के समाधान के उपायों संबंध में वर्ष 2015 में पेरिस समझौता किया गया था। जिसमें 196 देश शामिल हैं और अपने पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक समस्या के समाधान के लिए हम सब मिलकर प्रयास करेंगे तो जरूर सफल होंगे।

उन्होंने ‘‘छत्तीसगढ़ क्लाइमेट चेंज कॉन्क्लेव 2024‘‘ के आयोजन के लिए प्रदेश के वन विभाग और छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज के अधिकारियों-कर्मचारियों बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में प्रदेश की भूमिका और भविष्य की कार्ययोजनाओं के लिए यह कार्यशाला मील का पत्थर साबित होगी। देश भर से इस कॉन्क्लेव में शामिल होने आए विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों द्वारा जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों और इसके प्रतिकूल प्रभावों के बारे महत्वपूर्ण जानकारियां और अनुभव साझा किए जाएंगे। उनके विचार-विमर्श से निकले निष्कर्ष छत्तीसगढ़ और देश के लिए उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने कॉन्क्लेव में शामिल सभी अतिथियों का स्वागत किया।

मुख्यमंत्री ने ‘‘छत्तीसगढ़ स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज‘‘ तथा एक्शन प्लान की मॉनिटरिंग के लिए डेस बोर्ड, बस्तर में ट्रेडिशनल हेल्थ प्रेक्टिसेस पर केन्द्रित पुस्तक ‘‘एन्शिएंट विसडम‘‘ और बॉयोडायवर्सिटी इन कांगेर वैली पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए सभी अपनी भूमिका ईमानदारी के साथ निभाएं। जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए सबके सहयोग से काम करना होगा ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रहे। विशेषज्ञों के साथ-साथ जनजाति समुदायों के साथ भी। उन्होंने कहा कि हमारी जनजातियां प्रकृति को काफी नजदीक से समझती हैं। अंडमान निकोबार की जारवा जनजाति के लोग सैलाब या भूकंप आने के पहले जान जाते है और पहाड़ों पर चले जाते हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ ने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए विशेषज्ञों, पर्यावरणविदों, जनजाति समुदायों के प्रतिनिधियों, वैद्यराजों को एक प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास करना चाहिए। अपने ज्ञान के आदान-प्रदान से हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने के लिए सही दिशा में बढ़ सकेंगे। ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीश्नर डॉ. एन्ड्रयू फ्लेमिंग ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला का आयोजन छत्तीसगढ़ स्टेट सेंटर फॉर क्लाइमेट चेंज और वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा फाउन्डेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी के तकनीकि सहयोग से किया गया। इस कॉन्क्लेव में 15 राज्यों एवं राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।