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संकट की घड़ी में हमारी एकता ही देश की सबसे बड़ी ताकत है: मुख्यमंत्री श्री साय

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ShivMay 10, 20253 min read

रायपुर।    वर्तमान में चल रहे तनावपूर्ण परिस्थिति में सभी…

बड़ी खबर: भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर, विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि

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ShivMay 10, 20251 min read

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के पाकिस्तान के…

केंद्र ने सभी राज्यों में जारी की गाइडलाइंस, CM साय बोले- प्रदेश हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार…

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ShivMay 10, 20252 min read

रायपुर। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों…

May 10, 2025

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फ्लोरा मैक्स घोटाले से प्रभावित महिलाओं ने मंत्री रामविचार नेताम का काफिला रोका, किया घेराव

कोरबा। बैंक से लिए लोन को माफ करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रही फ्लोरा मैक्स घोटाले से प्रभावित महिलाओं ने रविवार को कोरबा पहुंचे मंत्री रामविचार नेताम का घेराव कर दिया. महिलाएं अपनी लंबित समस्याओं का त्वरित समाधान की मांग कर रहीं थीं. आखिरकार मंत्री के मामले में मुख्यमंत्री से चर्चा कर कार्रवाई के आश्वासन पर महिलाओं ने घेराव समाप्त किया.

घेराव करने वाली महिलाओं से मंत्री रामविचार नेताम ने चर्चा करते हुए कहा कि नेतागिरी करने या सड़क जाम करने से काम नहीं बनेगा. कानून को अपने हाथ में ना ले. जो भी इसमें दोषी हैं जांच कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोन लेने से उन्हें पहले कंपनी के बारे में जानकारी ले लेनी थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है. बात करके आगे की कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री तक बात पहुंचा दी जाएगी. इस तरह से करीबन एक घंटे की जद्दोजहद के बाद महिलाओं ने मंत्री नेताम को छोड़ा.

चिटफंड कंपनी फ्लोरा मैक्स से प्रभावित जिले की महिलाएं बीते पांच दिनों से नगर के आईटीआई इस इट चौक पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं. रविवार को सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मंत्री रामविचार नेताम के नगर में आने की खबर सुनकर महिलाएं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मंत्री के बात करने की जिद पर अड़ गईं.

हालात तब और गंभीर हो गए जब मंत्री राम विचार नेताम और उनके साथ मौजूद उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन सहित अन्य पदाधिकारी कार्यक्रम समाप्त कर बाहर निकलने की कोशिश करने लगे. महिलाओं ने मंत्री के काफिले को कार्यक्रम स्थल पर ही रोक दिया और मांगों को पूरा करने का दबाव बनाने लगीं. महिलाओं का कहना था कि जब तक उनकी समस्याओं का हल नहीं निकलता, वे मंत्री को यहां से जाने नहीं देंगी. आखिरकार मंत्री ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर उनकी समस्याओं के उचित समाधान का आश्वासन देने के बाद मामला शांत हुआ.