नए राज्यपाल की नियुक्ति के साथ फिर आरक्षण बिल की चली बात, कांग्रेस की मांग पर भाजपा ने दिया ऐसा जवाब
रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए राज्यपाल की नियुक्ति के साथ ही एक बार फिर से आरक्षण का मुद्दा गर्म हो गया है. एक तरफ कांग्रेस ने अपनी सरकार के समय पारित आरक्षण बिल पर सबसे पहले हस्ताक्षर करने की उम्मीद जताई है, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस को आरक्षण विरोधी करार देते हुए आरक्षण बिल को लेकर नियत को लेकर सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने नये राज्यपाल रमन डेका को बधाई देते हुए सबसे पहले आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद जताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे ज़्यादा आदिवासी वर्ग हैं. उनके हित में आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करेंगे. भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने नए राज्यपाल की नियुक्ति का स्वागत करते हुए कहा कि जितने भी राज्यपाल मिले, सभी ने छत्तीसगढ़ की विकास की चिंता की. कदम से कदम मिलाकर सभी वर्ग के उत्थान के लिए चिंता की. नए राज्यपाल मिलने से छत्तीसगढ़ की प्रगति और तेजी से होगी.
नए राज्यपाल मिलने से आरक्षण पर सियासत के तेज होने पर केदार गुप्ता ने कहा कि राज्यपाल ने हमेशा प्रदेश को आगे बढ़ने का काम किया. पूर्व की कांग्रेस सरकार आरक्षण की विरोधी थी. रमन सरकार में 56% आरक्षण मिल रहा था. इस पर भूपेश सरकार ने अपने ही कार्यकर्ता से याचिका दायर करवाई थी. आरक्षण को रुकवाये उनकी नीयत ठीक नहीं थी. वहीं क्वांटिफिएबल डाटा का जिक्र करते हुए कहा कि आरक्षण का बेस होता है. उसे विधानसभा पटल में नहीं रखा. राज्यपाल को दोषी ठहरा रहे हैं. इनकी नियत ठीक नहीं, और आरोप दूसरों पर लगा रहे हैं.
स्टील प्लांट के कल आधी रात से बंद किए जाने पर सुशील आनंद ने कहा कि पिछली सरकार में बिजली बिल आधा कर उद्योगों को पटरी पर लाये थे, लेकिन अब फिर से उनका ख़स्ताहाल किया जा रहा है. बिजली बिल में वृद्धि कर छोटे उद्योग को अदाणी के अधीन होने मजबूर कर रहे हैं. बिजली बिल बढ़ाना छोटे उद्योग को सड़क पर लाने की साज़िश है.
कल रात से स्टील उद्योगों के बंद होने पर कांग्रेस के बयान पर केदार गुप्ता ने कहा कि भाजपा विकास की राह पर चलने वाली पार्टी है. उत्पादकता को बढ़ाने पर हमारा जोर रहता है. उद्योगपतियों की जो भी मांग है, उस पर सरकार विचार करेगी. कमियों को दूर किया जाएगा, जो मान्य मांगें होगी पूरी होगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में है, उसका काम आरोप लगाना है. अडानी-अडानी की माला कांग्रेस जपती रहती है. अडानी की कोयला खदान को काटने का परमिशन भूपेश बघेल ने दिया था. वन की कटाई करो खदान चालू करो यह खुद अडानी से सेटिंग किए थे. राहुल ने फोन किया था. राजस्थान के सीएम आए थे, अडानी को सहयोग करो.
कांग्रेस संचार प्रमुख ने निगम मण्डल में नियुक्ति को लेकर कांग्रेस संचार प्रमुख ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं ने चुनाव जिताया, उनके साथ बीजेपी छलावा कर रही है. 7 महीनों में निगम-मंडलों की नियुक्ति नहीं कर पाई है. यह सरकार कुछ मंत्रियों के लिए चलती है. बृजमोहन अग्रवाल को विधानसभा से बाहर निकल कर संसद भेज दिया गया.
कांग्रेस के इस बयान पर केदार गुप्ता ने कहा कि यह कार्यकर्ताओं के साथ छलावा नहीं, निगम मंडल देना कोई उपकृत करना नहीं, निगम मंडल सेवा का पद है. कार्यकर्ता भी उसमें जाते हैं. तो जनता की सेवा करते हैं. बिना पद के भी भाजपा कार्यकर्ता सेवा करते हैं. भूपेश सरकार में भी 18 लाख आवाज तीनों के लिए आवाज उठाते थे. उस समय निगम-मंडल भाजपा के पास नहीं कांग्रेस के पास था. हमारा काम सेवा करना है, निगम-मंडल की चिंता करना नहीं.