Special Story

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव 2025: कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम का किया गठन, जानिए किसे मिली क्या जिम्मेदारी

ShivJan 20, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों…

January 21, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

पत्नी बार-बार देती थी आत्महत्या की धमकी: हाईकोर्ट ने क्रूरता मानते हुए पति को दी तलाक की अनुमति, कहा- ऐसे में कोई भी शांति से नहीं रह सकता…

बिलासपुर। पत्नी द्वारा आत्महत्या करने की बार-बार धमकी देने और प्रयास करने को हाईकोर्ट ने क्रूरता माना है। पति को इस आधार पर तलाक की अनुमति देते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में कोई भी जीवनसाथी शांति से नहीं रह सकता। पति द्वारा उपलब्ध साक्ष्यों से स्पष्ट है कि पत्नी बार-बार आत्महत्या की धमकी देती थी।

बता दें, कि दुर्ग जिले में रहने वाले याचिकाकर्ता पति की 28 दिसंबर 2015 को बालोद निवासी युवती के साथ चर्च में शादी हुई। पत्नी शादी के बाद निजी कॉलेज में जॉब करने लगी। उसे 22 हजार रुपए वेतन मिलता था, इसमें से 10 हजार रुपये अपने माता-पिता को भेजती थी। पति ने इस पर कभी आपत्ति नहीं की। पत्नी ने कुछ दिन अपने भाई को भी साथ रखा। भाई किसी कारण से वापस चला गया। इसके बाद पत्नी का व्यवहार बदल गया। बात-बात में वह आत्महत्या करने की धमकियां देने लगी। पहली बार उसने रसोई में घुसकर दरवाजा बंद कर गैस चालू कर जल मरने की धमकी दी। दूसरी बार अत्यधिक मात्रा में नशीला कफ सिरफ पीकर खुदकुशी की कोशिश की। इसके बाद एक बार उसने छत से कूद कर आत्महत्या का प्रयास किया।

पत्नी की इन हरकतों से परेशान होकर उसके पति ने परिवार न्यायालय में तलाक के लिए आवेदन दिया। न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की। वही पत्नी ने भी वैवाहिक अधिकार की बहाली के लिए याचिका प्रस्तुत की। दोनों की याचिका पर जस्टिस रजनी दुबे और संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई।

बार-बार आत्महत्या करने की धमकी देना क्रूरता के समान – हाईकोर्ट

कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि बार-बार आत्महत्या करने की धमकी देना क्रूरता के समान है। साथ ही अगर यह आशंका पैदा हो जाए कि दूसरे पक्ष के साथ रहना उसके लिए हानिकारक होगा तो साथ रहना मुश्किल है। फरवरी 2018 से दोनों अलग-अलग रह रहे हैं। पत्नी के आचरण को देखते हुए मानसिक दबाव में पति का उसके साथ रहना संभव नहीं है। कोर्ट ने क्रूरता के आधार पर पति के तलाक की याचिका को स्वीकार किया। कोर्ट ने पति को दो माह के अंदर पत्नी को 5 लाख रुपए स्थाई गुजारा भत्ता एकमुश्त देने का निर्देश भी दिया है।