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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मूँदी में माँ नर्मदा सेवा परिक्रमा यात्रा में हुए सम्मलित

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ShivMar 15, 20251 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खंडवा ज़िले के मूँदी में…

जनता के लिये पुलिस करती है सभी चुनौतियों का सामना : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 15, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि पुलिस…

झाबुआ में शीघ्र आरंभ होगा मेडिकल कॉलेज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 15, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शीघ्र…

भाजपा की सख्त कार्रवाई, वनवासी मौर्य 6 साल के लिए निष्कासित

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ShivMar 15, 20251 min read

जगदलपुर।  भारतीय जनता पार्टी ने बस्तर जिले में हुए त्रिस्तरीय…

सीएम विष्णदेव साय को शिक्षक ने भेंट किया विज्ञान जागरूकता अभियान का एल्बम

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ShivMar 15, 20252 min read

रायपुर।  होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से…

बगिया में बच्चों संग मुख्यमंत्री श्री साय ने मनाया होली का त्यौहार

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ShivMar 15, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज गांव के बच्चों के…

March 15, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

महिला आयोग ने पीड़िता को दिलाया 20 लाख की क्षतिपूर्ती, तो इधर ठगी की शिकार हुई महिला को दिलाया जमीन वापस…

रायपुर।     छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने दो महत्वपूर्ण फैसले सुनाए हैं, जिनमें एक तरफ एक महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दिलवाई गई, वहीं दूसरी ओर एक भतीजे और बैंक मैनेजर को गिरफ्तार कर बड़ी ठगी के मामले में कार्रवाई की गई.

पहला मामला एक महिला द्वारा आयोग में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि एक शासकीय शिक्षक ने उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और बाद में शादी से इंकार कर उसे बर्बाद करने की धमकी दी. इस मामले में आयोग ने केवल तीन सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनकर सुलहनामा करवाया और अनावेदक को महिला को 20 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने के लिए कहा. इसमें 10 लाख रुपये नगद और 10 लाख रुपये का चेक शामिल था. यह राशि महिला आयोग द्वारा किसी भी प्रताड़ित महिला को दिलवाई गई अब तक की सबसे बड़ी क्षतिपूर्ति राशि है. दोनों पक्षों ने सुलह का इकरारनामा प्रस्तुत किया, जिसमें यह भी कहा गया कि भविष्य में आवेदिका को परेशान नहीं किया जाएगा.

दूसरे मामले में महिला आयोग के पास एक आवेदिका ने शिकायत की थी कि उसके भतीजे और एक बैंक मैनेजर ने झूठे दस्तावेज़ों के आधार पर उसकी जमीन को बैंक में गिरवी रखकर 10 लाख रुपये का लोन निकाल लिया था. आयोग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए महज दो सुनवाई में मामला लगभग सुलझा लिया. आयोग ने तत्कालीन बैंक मैनेजर और आवेदिका के भतीजे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बैंक के मुख्य अधिकारी को निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है. यह भी सामने आया कि यह आरोपी गिरोह कई वर्षों से इस प्रकार के ठगी के मामलों में लिप्त थे.

महिला आयोग से आवेदिका ने दो प्रमुख मांगें की थीं, पहली यह कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले और दूसरी यह कि उसकी 15 एकड़ जमीन जो बैंक में बंधक रखी गई है, उसे वापस किया जाए. आयोग ने इस मामले में बैंक अधिकारियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया कि जल्द से जल्द आवेदिका की जमीन को बंधनमुक्त किया जाए.