कहां उड़ गए सरकार के दावे! जानलेवा बीमारी के चलते हो रहे बेतहाशा खर्च ने मानसिक रूप से तोड़ा, हिम्मत हारी कैंसर पीड़िता, मौत को लगा लिया गले
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अमेठी। जिले के बाजार शुकुल क्षेत्र के इंदरिया के पूरे रामदीन गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही 15 वर्षीय किशोरी सुनीता ने रविवार को दोपहर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. गरीबी और लगातार बढ़ते इलाज के खर्च की चिंता ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया था.
परिजनों के अनुसार, मृतका सुनीता के गले में लाइलाज बीमारी थी. जिसके कारण उसे असहनीय दर्द का सामना करना पड़ रहा था. पिता हरीराम, जो एक गरीब किसान हैं, अपनी पुत्री के इलाज में पूरी तरह सक्षम नहीं थे. आर्थिक तंगी के चलते इलाज सही ढंग से नहीं हो पाया, जिससे सुनीता लगातार मानसिक तनाव में थी.
पेड़ की डाल पर लगाई फांसी
रविवार दोपहर जब घर के अन्य सदस्य अपने काम में व्यस्त थे, तब सुनीता ने घर से कुछ दूरी पर स्थित एक पेड़ की डाल से दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कुछ देर बाद जब परिजनों ने उसे देखा तो कोहराम मच गया. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. अब सवाल ये है कि एक ओर सरकारें कैंसर की दवा की कीमतों में कमी का दावा करती है, इलाज के खर्च में कमी की बात करती है, यदि सरकार आम लोगों सस्ती स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करा रही है तो फिर आर्थिक बोझ से परेशान पीड़िता ने आखिर अपनी जान क्यों दे दी?