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जनहित के लिए सुशासन तिहार के इस महाअभियान में बने सहभागी-मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivMay 5, 20252 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जांजगीर के…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आकांक्षा विद्यालय में नीट जेईई कोचिंग के विद्यार्थियों से किया संवाद

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समीक्षा बैठक में सीएम साय की दो टूक, कहा – जनहित के कामों में लापरवाही के लिए कलेक्टर, एसपी होंगे जिम्मेदार

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ShivMay 5, 20254 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जांजगीर-चांपा जिले के जिला…

May 5, 2025

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पटवारी ने साइन करने से मना किया, तो फर्जी दस्तावेज बनाकर निकाला 20 लाख का लोन, FIR दर्ज…

बिलासपुर।    न्यायधानी में जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर 20 लाख रुपये का लोन लेने का मामला उजागर हुआ है. पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर कर तैयार किया गया कब्जा प्रमाण पत्र इस पूरे फर्जीवाड़े का आधार बना. मामले में सिरगिट्टी पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है.

जानकारी के मुताबिक, सिरगिट्टी थाना क्षेत्र में तैनात पटवारी राजेश पाण्डेय ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि कुछ दिन पहले बजरंग कोरी और गणेश कोरी उनके कार्यालय पहुंचे थे. दोनों को सरकारी जमीन का आबादी पट्टा आवंटित किया गया था और वे कब्जा प्रमाण पत्र बनवाना चाह रहे थे. लेकिन पटवारी ने नियमों के तहत ऐसा प्रमाण-पत्र जारी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद आरोपियों ने पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर कर नकली कब्जा प्रमाण पत्र तैयार किया, और उसी के आधार पर बैंक से 20 लाख रुपये का लोन हासिल कर लिया.

जांच में जुटी पुलिस

जब पटवारी को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी और सिरगिट्टी थाना में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने बजरंग कोरी और गणेश कोरी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

बता दें, बता दें, फर्जी दस्तावेजों के सहारे सरकारी जमीन पर लोन लेना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है. अब पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि बैंक लोन स्वीकृति प्रक्रिया में किस स्तर पर चूक हुई और क्या इसमें किसी और की संलिप्तता है. इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर, आरोपियों ने AU स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड से ₹20,55,488 (बीस लाख पचपन हजार चार सौ अठ्ठासी रुपये) का लोन भी ले लिया. लोन की प्रक्रिया के दौरान दस्तावेजों में प्रयुक्त हस्ताक्षर व सील को पटवारी का बताया गया, जबकि वह पूरी तरह फर्जी थे.