Special Story

January 20, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कलेक्टोरेट परिसर में नहीं मिली अनुमति तो ट्रैक्टर ट्राली पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिला सरपंच, जानिए क्या है माजरा…

गरियाबंद। पद के अधिकारों के साथ लंबित भुगतान की मांग को लेकर कोपरा की महिला सरपंच योगेश्वरी साहू, महिला पंच और ग्रामीणों के साथ कलेक्टोरेट के सामने ट्रैक्टर ट्राली पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं. सरपंच के साथ खड़े ग्रामीणों ने कहा कि राजनीतिकरण से कोपरा का विकास ठप है. 

कोपरा पंचायत की महिला सरपंच योगेश्वरी साहू को कैम्पस में बैठने की अनुमति नहीं मिली, वहीं बाहर सड़क किनारे गढ्ढे और पानी का जमाव था, इसलिए कैंपस के बाहर ट्रैक्टर ट्राली में ही धरने पर बैठ गई हैं.

सरपंच योगेश्वरी साहू ने बताया कि 6 अक्तूबर 2023 को पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया, जिसके बाद दो माह तक पंचायत मद से ग्राम विकास का काम कराते रहे. विधिवत नगर पंचायत सीएमओ को चार्ज दिया गया था. विधिवत सरपंच-पंच को नगर पंचायत के बॉडी बनाने के बजाए संचालन समिति बनाया गया, जिसमें भाजपा के नेताओं को पदाधिकारी बना दिया गया.

विकास कार्य में खर्च 15 लाख रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया. लेबर मिस्त्री या मटेरियल भुगतान के लिए नगर पंचायत जाते हैं, तो सरपंच के घर भेज दिया जाता है. यह भी कहा जाता है कि सरपंच अपना घर-बाड़ी बेचकर भुगतान करेंगी. इसी बात से आहत होकर महिला सरपंच आज अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं.

हाई कोर्ट ने आदेश का नहीं हुआ पालन

अपने अधिकारों के खातिर सरपंच योगेश्वरी साहू अन्य 11 पंचों के साथ मिल नियम विरुद्ध बनाई गई समिति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. उनके तरफ से अधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल ने हाई कोर्ट में मामले की पैरवी करते हुए बताया कि नियमानुसार सरपंच व उनके साथ बॉडी को नगर पंचायत अध्यक्ष व अन्य बॉडी में लिया जाना था. दलील के बाद कोर्ट ने भी माना कि कोपरा नगर पंचायत में नियम विरुद्ध समिति बनाई गई है. 28 अगस्त को फैसला तत्कालीन सरपंच के पक्ष में आया. सरपंच ने कहा कि अदालत के इस आदेश का भी अब तक नगर पंचायत प्रशासन ने पालन नहीं किया है.