Special Story

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को सदन ने दी श्रद्धांजलि…

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को सदन ने दी श्रद्धांजलि…

ShivFeb 25, 20253 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन आज पूर्व प्रधानमंत्री…

सेंट्रल जेल में कैदियों ने किया महाकुंभ स्नान, आध्यात्मिक शुद्धि का मिला अवसर…

सेंट्रल जेल में कैदियों ने किया महाकुंभ स्नान, आध्यात्मिक शुद्धि का मिला अवसर…

ShivFeb 25, 20253 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ के रायपुर सेंट्रल जेल में कैदियों ने महाकुंभ…

लो वोल्टेज, बिजली कटौती से किसान परेशान, जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

लो वोल्टेज, बिजली कटौती से किसान परेशान, जल्द समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

ShivFeb 25, 20252 min read

महासमुंद।  क्षेत्र में लो वोल्टेज, बिजली कटौती से परेशान सैकड़ों…

February 25, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करना चाहिए : श्री हरिचंदन

रायपुर- राजभवन में आज राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन के मुख्य आतिथ्य में उत्तर प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव का स्थापना दिवस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने इस अवसर पर कहा कि हमें अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना चाहिए और इस पर गर्व करना चाहिए।

केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाते है। इसी कड़ी में राजभवन में उत्तर प्रदेश, मेघालय, में मणिपुर, त्रिपुरा राज्यों और केंद्र शासित दादर एवं नगर हवेली तथा दमन दीव का स्थापना दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। राज्यपाल ने स्थापना दिवस के अवसर पर इन राज्यों के लोगों को बधाई दी।

राज्यपाल श्री हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं का ज्ञान साझा करने से आपसी समझ और जुड़ाव बढ़ेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी। हमारी सांस्कृतिक विरासत, अद्वितीय इतिहास और खान-पान की परंपराए ही हमारी पहचान, स्वाभिमान और समृद्धि का आधार हैं। स्थापना दिवस न केवल हमें किसी राज्य की प्रगति की यात्रा की याद दिलाता है, बल्कि हमारे भविष्य की राह तैयार करने का अवसर भी प्रदान करता है।

राज्यपाल ने इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशो के इतिहास, संस्कृति, परंपराओं और महत्वपूर्ण विशेषताओं को रेखांकित किया। हमारा देश ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की अवधारणा पर आगे बढ़ रहा है। देश में रामराज्य प्रतिष्ठित करना है। सबको एक करके, सबके सुख शांति के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने समन्वित रूप से प्रयास किया। भारत नेे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के राजनीतिक पटल पर एक महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किया है। हमारी संस्कृति, परंपरा, इतिहास को स्मरण करके भारत कोे सारी दुनिया में श्रेष्ठ देश के रूप में प्रतिस्थापित करने का कार्य उन्होंने किया है।

कार्यक्रम को उत्तप्रदेश के प्रतिनिधि के रूप में पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला और मेघालय के प्रतिनिधि के रूप में ऑफ्ट विश्वविद्यालय के डीन संतोष स्वर्णकार, मणिपुर के प्रतिनिधि के रूप में डेनियल एल, डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ और त्रिपुरा के प्रतिनिधि के रूप में बी. पी. जमालिया असिस्टेंट कमांडेट सीआरपीएफ ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर उत्तप्रदेश के कत्थक नृत्य सहित चारो राज्यों एवं दोनो केंद्र शासित प्रदेशों के लोकनृत्यों की रंगारंग प्रस्तुति विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने की। सीआरपीएफ के जवानों के लोकनृत्य ने अतिथियों को भाव विभोर कर दिया। इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने भी राज्यपाल को शाल पहनाकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो, विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, संबंधित राज्यों के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।