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शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज महासमुंद जिले के खल्लारी…

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

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ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन…

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivApr 10, 20254 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के…

April 10, 2025

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2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हम सब प्रतिबद्ध है : वित्तमंत्री ओपी चौधरी

रायपुर।     वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने कहा है कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता एवं उनके मार्गदर्शन से वर्ष 2047 तक देश को विकसित देश के बनाने का संकल्प लिया गया है। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की रणनीति तैयार कर रही है। केन्द्रीय बजट में देश के विकास की कई योजनाएं शामिल की गई हैं। समाज के सभी वर्ग के लोगों के कल्याण और उनके समग्र विकास योजनाएं बनाई गई है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों के विकास से ही देश सही मायने में विकसित होगा।

मंत्री श्री चौधरी आज नवा रायपुर स्थित आईआईएम में छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत और विकसित बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाने के लिए आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। इस कार्यशाला का आयोजन ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया द्वारा किया गया था। मंत्री श्री चौधरी ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताएं हैं। यह लैंडलॉक्ड राज्य है, यहां वन और खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। इसको मध्य भारत के व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया और आईआईएम रायपुर के समन्वय से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत आधार मिलने की पूरी संभावनाएं हैं।

इस कार्यशाला में ग्रामीण विकास, पर्यावरणीय स्थिरता, और सामाजिक प्रगति से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया तथा इनसे जुड़ी चुनौतियों के समाधान पर विचार व्यक्त किए गए। इस चर्चा में ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु-संवेदनशील, हरित विकास, वन हेल्थ मिशन के माध्यम से ग्रामीण परिवर्तन को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया।

कार्यशाला में ‘‘हरित अर्थव्यवस्था मिशन- समय की मांग, पर्यावरणीय लचीलापन के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऊर्जा आपूर्ति और हरित अर्थव्यवस्था के वैकल्पिक वित्तपोषण के लिए बाजारों की भूमिका’’ विषय पर चर्चा की गई। सत्र में मुख्य रूप से वक्ताओं ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में हरित पहल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और नवाचार एवं निजी निवेश के अवसरों की चर्चा की। इस सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट इंडिया के लैनविन कॉन्सेसाओ, वर्ल्ड बैंक के संदीप कांडा, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ज्ञानेंद्र मणि ने अपने-अपने व्याख्यान दिए।

विकसित छत्तीसगढ़ के लिए अंतिम सत्र में वन हेल्थ मिशन के संबंध में स्वास्थ्य एवं गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, एम्स भटिंडा पंजाब के प्रेजिडेंट डॉ. अनिल कुमार गुप्ता और लीप डिज़ाइन के सीईओ और जॉन हॉपकिंस यूएसए के प्रो. डॉ. आंद्रे नोगीरा ने अपने व्याख्यान दिए। इस अवसर पर भारतीय प्रबंधन संस्थान के संचालक डॉ. राम कुमार ककानी, जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, टीआरआई अनिर्बन घोष और एसोसिएट डायरेक्टर एवं स्टेट लीड, टीआरआई नीरजा कुदरिमोती और विभिन्न क्षेत्र से आए हुए प्रतिभागी उपस्थित रहे।