Special Story

गांव-गांव में जैविक उत्पादों का विस्तार, टेक्सटाइल उद्योग में निवेश करेगा Klene Paks

गांव-गांव में जैविक उत्पादों का विस्तार, टेक्सटाइल उद्योग में निवेश करेगा Klene Paks

ShivMar 26, 20251 min read

बेंगलुरु।    पर्यावरण के अनुकूल (बायोडिग्रेडेबल) उत्पाद बनाने वाली कंपनी…

छत्तीसगढ़ के विकास में डिजिटल कनेक्टिविटी की भूमिका महत्वपूर्ण : बृजमोहन अग्रवाल

छत्तीसगढ़ के विकास में डिजिटल कनेक्टिविटी की भूमिका महत्वपूर्ण : बृजमोहन अग्रवाल

ShivMar 26, 20253 min read

नई दिल्ली/रायपुर।   छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा…

छत्तीसगढ़ बनेगा टेक्सटाइल हब, Punit Creations का बड़ा निवेश प्रस्ताव

छत्तीसगढ़ बनेगा टेक्सटाइल हब, Punit Creations का बड़ा निवेश प्रस्ताव

ShivMar 26, 20251 min read

बेंगलुरु।     छत्तीसगढ़ में टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने के…

March 26, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

विनोद कुमार शुक्ल ने जाहिर की ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिलने की खुशी, कहा- अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए…

रायपुर।    साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा. इस घोषणा के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पुरस्कार से मुझे बहुत खुशी हुई है. उन्होंने कहा कि पुरस्कार की जिम्मेदारी को मैंने महसूस किया. जितना मुझे लिखना चाहिए था, उतना मैं लिख नहीं पाया. मैं कोशिश करूंगा कि जो शेष रह गया, उसे आगे बढ़ाऊं. जो अभी मैं सोच रहा हूं, उसको लिख सकूं, ऐसा मेरे मन में आता है…

फोटो: साहित्यकार शुक्ल ने पत्रकारों से बातचीत में खुशी जाहिर की.

अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए

उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लगता है, खुश होता हूं, बड़ी उथल-पुथल है कि यह पुरस्कार कैसा लगा, बहुत बढ़िया लगा… मेरे पास शब्द नहीं है कहने के लिये… एक जिम्मेदारी सी महसूस होती है. परिवारिक कारणों और आस-पास के माहौल में भी लिखना बहुत मुश्किल है, लेकिन कोशिश करनी चाहिए. अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. ताकि आप दुनिया के बारे में क्या सोचते हैं लोग जान सके. 

बता दें, हिंदी के प्रख्यात कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा. ज्ञानपीठ समिति ने आज नई दिल्ली में इसकी घोषणा की. यह सम्मान पाने वाले छत्तीसगढ़ के वह पहले साहित्यकार होंगे. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है.

‘लगभग जयहिंद’ कविता से मिली पहचान

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था. फिलहाल वे रायपुर में ही रहते हैं. पिछले 50 सालों से वे लिख रहे हैं. उनकी पहली कविता “लगभग जयहिंद” 1971 में प्रकाशित हुई थी और तभी से उनकी लेखनी ने साहित्य जगत में अपना अलग स्थान बना लिया था.

कैसे कह दूं कि बहुत मीठा लगा : विनोद कुमार शुक्ल

पुरस्कार को लेकर उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं कहूं कि बहुत मीठा लगा कहूंगा, तो मैं तो शुगर का मरीज हूं… तो मैं कैसे कह दूं, कि बहुत मीठा लगा… उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है.

सीएम साय ने दी शुभकामनाएं:

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी शुभकामनाएं:

उनके द्वारा लिखी गई कविता :-

· ‘ लगभग जयहिंद ‘ वर्ष 1971.
· ‘ वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ वर्ष 1981.
· ‘ सब कुछ होना बचा रहेगा ‘ वर्ष 1992.
· ‘ अतिरिक्त नहीं ‘ वर्ष 2000.
· ‘ कविता से लंबी कविता ‘ वर्ष 2001.
· ‘ आकाश धरती को खटखटाता है ‘ वर्ष 2006.
· ‘ पचास कविताएँ’ वर्ष 2011
· ‘ कभी के बाद अभी ‘ वर्ष 2012.
· ‘ कवि ने कहा ‘ -चुनी हुई कविताएँ वर्ष 2012.
· ‘ प्रतिनिधि कविताएँ ‘ वर्ष 2013.

उपन्यास-


· ‘ नौकर की कमीज़ ‘ वर्ष 1979.
· ‘ खिलेगा तो देखेंगे ‘ वर्ष 1996.
· ‘ दीवार में एक खिड़की रहती थी ‘ वर्ष 1997.
· ‘ हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ ‘ वर्ष 2011.
· ‘ यासि रासा त ‘ वर्ष 2017.
· ‘ एक चुप्पी जगह’ वर्ष 2018.

अब तक मिल चुका है ये सम्मान

· ‘ गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप ‘ (म.प्र. शासन)
· ‘ रज़ा पुरस्कार ‘ (मध्यप्रदेश कला परिषद)
· ‘ शिखर सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)
· ‘ राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)
· ‘ दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान’ (मोदी फाउंडेशन)
· ‘ साहित्य अकादमी पुरस्कार’, (भारत सरकार)
· ‘ हिन्दी गौरव सम्मान’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उ.प्र. शासन)