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नवा रायपुर में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला फार्मास्युटिकल पार्क, एनआरडीए ने दी 142 एकड़ जमीन

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ShivDec 28, 20243 min read

रायपुर।     छत्तीसगढ़ में सेंट्रल इंडिया का नया फार्मास्युटिकल हब…

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का व्यक्तित्व निर्माण के साथ सेवा कार्यों पर विशेष आग्रह

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ShivDec 28, 20243 min read

रायपुर।   राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक छत्तीसगढ़ प्रवास पर…

न्यायधानी के FL-3 बार हैवेन्स पार्क पर आबकारी विभाग की कार्रवाई, लाइसेंस निलंबित कर जड़ा ताला…

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ShivDec 28, 20241 min read

बिलासपुर।   आबकारी विभाग ने न्यायधानी के FL-3 बार हैवेन्स पार्क…

कौशल्या विहार में रहने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर

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ShivDec 28, 20242 min read

रायपुर।    रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA) के अधीन कौशल्या विहार…

December 28, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

गांव में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप

सारंगढ़। गुड़ेली क्षेत्र में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को लेकर ग्रामीणों ने खदान मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन और खदान प्रबंधन पर सांठगांठ कर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र में अवैध खदानों की भरमार है, बावजूद इसके खनिज विभाग ने अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की, जिसका नतीजा ग्रामीण झेल रहे हैं।

बता दें कि जिले के गुड़ेली क्षेत्र के लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों खदानें हैं और वहाँ चलने वाली क्रेशर मशीनों से क्षेत्र के कई गांव प्रदूषण की चपेट में हैं। जिला गठन के बाद भी इन गांवों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, जिसे प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने लगा है। बिगड़ते पर्यावरण प्रदूषण से हजारों ग्रामीणों का विभिन्न बीमारियों के साथ जीना मुश्किल होता जा रहा है। गुड़ेली, टिमरलगा और कटंगपाली क्षेत्र के चारों ओर बड़ी संख्या में अवैध-वैध गिट्टी की खदानें और क्रेशर खदानें हैं। जहां गिट्टी निर्माण के लिए चूना पत्थर तोड़ने से जो धूल और धुआं निकलता है, उससे जन स्वास्थ्य पर खतरा मंडराता रहता है, बावजूद इसके इन क्षेत्रों की सुध लेने वाला कोई नहीं।

प्रदूषण और बीमारी से परेशान ग्रामीणों ने बुधवार को खदान जाने वाले मार्ग पर चक्काजाम कर घंटों नारेबाजी की और फ्लाई ऐश वाहनों, प्रदूषणकारियों पर कार्रवाई सहित सड़कों पर पानी के छिड़काव की मांग करते रहे। जनप्रतिनिधियों और खदान मालिकों की काफी समझाइश और पर्याप्त आश्वासन के उपरांत ग्रामीणों ने चक्काजाम खत्म किया और सड़क बहाल हुई।

बहरहाल, ग्रामीणों के घंटों चक्काजाम के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई मौके पर नहीं पहुंचा और न ही कोई प्रतिनिधि भेजा गया। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण और ग्रामीणों की सेहत को लेकर प्रशासन कितना गंभीर है।