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टमाटर से भरी पिकअप पलटी, सड़क पर बिखरे टमाटर, अफरा-तफरी का माहौल

टमाटर से भरी पिकअप पलटी, सड़क पर बिखरे टमाटर, अफरा-तफरी का माहौल

ShivMay 21, 20251 min read

बिलासपुर।   टमाटर से भरी पिकअप पलटने से बीच सड़क पर…

May 21, 2025

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ट्रेन में ‘विकास की यात्रा’ : कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय ने लोगों से संपर्क साधने ट्रेन से की यात्रा, कहा- भाजपा की सरकार में लुप्त होते जा रही ट्रेन

रायपुर। रायपुर लोकसभा प्रत्याशी और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय आज रेल यात्रा कर चुनाव प्रचार करने निकले. सुबह 7 बजे रायपुर रेलवे स्टेशन से भाटापारा जाने वाली ट्रेन मेमो एक्सप्रेस का विकास उपाध्याय ने आम लोगों के साथ टिकिट काउंटर में लाइन लगकर टिकिट खरीदा और यात्रा की. इस दौरान विकास उपाध्याय ने लोकल ट्रेन से रोज आने जाने वाले यात्रियों के साथ चर्चा कर उनकी समस्या सुनी. वहीं लोगों से अपने पक्ष में वोट करने की अपील की. वहीं उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

विकास उपाध्याय ने बताया कि रायपुर लोकसभा के लिए 9 विधानसभा आते हैं और आज भाटापारा विधानसभा का दौरा है. तो आज लोकल ट्रेन में यात्रा कर भाटापारा के लिए जा रहा हूं. लोकल ट्रेन में डेली हजारों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं. लोकसभा का सांसद और सरकार इस रेल व्यवस्था में क्या स्थिति है और क्या रेल व्यवस्था होनी चाहिए उस पर जरूर बात करना चाहिए.

उन्होंने कहा आज मैंने ट्रेन में सफर करने वाले जो लोग हैं, उनसे भी चर्चा की. मैं समझता हूं, जब ट्रेन में हम जाते हैं तो आपको सही में वास्तविक स्थिति पता चलती है कि क्या किन समस्याओं के लिए आपको सरकार को बोलना चाहिए. लेकिन बड़े दुख की बात है इस रायपुर लोकसभा में नौ-आठ बार से बीजेपी का सांसद हैं. लेकिन ट्रेन की व्यवस्था के बारे में कोई भी सवाल नहीं उठाता. उन्होंने कहा कि हम छोटे थे हमने विद्याचरण शुक्ल को देखा था, जो रायपुर, छत्तीसगढ़ के लिए नई ट्रेनों को लाने का काम उन्होंने किया. अलग-अलग प्रदेशों को ट्रेन मार्ग से जोड़ने का काम किया और अब तक भाजपा की कोई उपलब्धि नहीं है. रेलवे स्टेशन आप चले जाएं शमशान घाट के समान रेलवे स्टेशन की स्थिति है. कई बेचारे कुली, वेंडर परेशान लोगों के रोजगार छीन गए. आम आदमी के लिए सबसे सस्ता, सुंदर और सुरक्षित अगर कोई साधन है तो ट्रेन है. भारतीय रेल हिंदुस्तान की पहचान थी लेकिन भाजपा की सरकार में ट्रेन लुप्त होते जा रही है. कहीं इसको दूसरे के हाथों बेचने की तैयारी तो नहीं की जा रही है.