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बारिश से धुला फाइनल तो कौन बनेगा चैंपियन? जानें क्या कहता है नियम

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ShivMar 6, 20252 min read

दुबई।    इन दिनों चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की धूम है.…

स्वास्थ्य मंत्री के रिश्तेदार होने का दावा करने वाले सिविल सर्जन के विरुद्ध जांच हुई शुरू

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ShivMar 6, 20254 min read

जांजगीर-चांपा। जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल के…

CGMSC घोटाला : 660 करोड़ की गड़बड़ी मामले में ACB-EOW ने IAS भीम सिंह को किया तलब, दो घंटे से पूछताछ जारी

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ShivMar 6, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (CGMSC) में 660 करोड़ रुपये के…

रायगढ़ जिला पंचायत में भाजपा का कब्जा : निर्विरोध अध्यक्ष बनीं शीखा

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ShivMar 6, 20251 min read

रायगढ़।  जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा ने अपना परचम…

March 6, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

वीर बाल दिवस : पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, लड़कियों ने मारी बाजी

रायपुर।    कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में वीर बाल दिवस के अवसर पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. भाषण प्रतियोगिता में एमएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम वर्ष की छात्रा खुशबू वर्मा ने प्रथम, बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम वर्ष की छात्रा भूमिका साहू ने द्वितीय और बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रथम वर्ष की छात्रा पारुल जायसवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं. इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि दसवें सिक्ख गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत से हमें सत्य और धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने विद्यार्थियों को असत्य के सामने कभी भी न झुकने का संदेश दिया.

डॉ. नृपेंद्र शर्मा ने अपने वक्तव्य में वीरता और साहस के महत्व पर बल देते हुए कहा कि यदि आप वीर और साहसी बनेंगे तो न केवल अपने जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे, बल्कि दूसरों की सहायता भी कर पाएंगे. मनोबल बनाए रखना और किसी भी कठिनाई का सामना करना ही सच्ची वीरता है.

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी बलवंत खन्ना ने कहा कि किसी कार्य में पारंगत होना जितना जरूरी है, उससे ज्यादा बिगड़ी स्थिति को सुधारना है. यानी जीवन में कमियों को दूर करने का कौशल बहुत जरूरी है. इस मौके पर बलवंत खन्ना ने अपनी पुस्तक “है तो है” शिक्षकों और विद्यार्थियों को भेंट की. कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे.