Special Story

पीएम आवास योजना की धीमी प्रगति पर कलेक्टर सख्त, 22 कर्मचारियों को थमाया शो-कॉज नोटिस

पीएम आवास योजना की धीमी प्रगति पर कलेक्टर सख्त, 22 कर्मचारियों को थमाया शो-कॉज नोटिस

ShivMay 13, 20253 min read

गरियाबंद। कलेक्टर बी.एस. उइके ने आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना…

5 महिला समेत 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16 लाख का इनाम था घोषित

5 महिला समेत 14 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 16 लाख का इनाम था घोषित

ShivMay 13, 20251 min read

सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन…

साय केबिनेट की बैठक कल

साय केबिनेट की बैठक कल

ShivMay 13, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार…

18 तहसीलदारों और अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर पद पर किया गया प्रमोट, देखें पूरी लिस्ट

18 तहसीलदारों और अधीक्षक भू-अभिलेख अधिकारियों को डिप्टी कलेक्टर पद पर किया गया प्रमोट, देखें पूरी लिस्ट

ShivMay 13, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रशासनिक सेवा में…

May 13, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ का अनोखा वेटलैंड : प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग बना खैरागढ़, क्षेत्र को ईको-टूरिज्म से जोड़ने पर बढ़ेंगे पर्यटक

खैरागढ़।  हाल ही में हुए वेटलैंड सर्वेक्षण में खैरागढ़ की अद्भुत जैव विविधता सामने आई है. यह क्षेत्र केवल झीलों और तालाबों का समूह नहीं है, बल्कि दुर्लभ प्रवासी पक्षियों, मछलियों और अनमोल जलीय पौधों का महत्वपूर्ण आश्रय स्थल भी है. हजारों किलोमीटर दूर से आकर पक्षी यहां विश्राम करने और भोजन के लिए रुकते हैं, जिससे यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है.

वेटलैंड सर्वेक्षण का आयोजन छत्तीसगढ़ बायोडायवर्सिटी बोर्ड और खैरागढ़ वन विभाग के तत्वावधान में किया गया. शोधकार्य में शोधकर्ता समूह के प्रतीक ठाकुर, अंजल निगम, अमित पांडेय और रवि पांडेय की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जबकि वानस्पतिक सर्वेक्षण का कार्य प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक डॉ. फैज़ बक्स ने किया. सर्वेक्षण में 213 प्रजातियों के पक्षी दर्ज किए गए, जिनमें कई दुर्लभ प्रवासी पक्षी शामिल हैं. रूस से आने वाला कॉमन क्रेन यहां का सबसे खास पक्षी है, जिसे देखने के लिए देशभर से पक्षी प्रेमी और फोटोग्राफर यहां आते हैं.

पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए गए जागरूकता अभियान

स्पूनबिल्स, 90 पेंटेड स्टॉर्क्स, 1100 से अधिक प्रवासी बत्तखें (जैसे नॉर्दर्न शोवलर, यूरेशियन कर्ल्यू और कॉमन पोचार्ड) भी यहां देखी गईं. बार-हेडेड गूज, पेरेग्रीन फाल्कन, मालाबार पाइड हॉर्नबिल, सरकीर माल्कोहा और ग्रे-हेडेड लैपविंग जैसे दुर्लभ पक्षी भी इन वेटलैंड्स में पाए गए हैं. सर्वेक्षण के दौरान केवल पक्षियों की गणना ही नहीं की गई, बल्कि पानी की गुणवत्ता की भी जांच की गई. पर्यावरण संरक्षण के लिए स्कूलों और गांवों में जागरूकता अभियान चलाए गए, ताकि स्थानीय लोग वेटलैंड्स के महत्व को समझ सकें. इसके अलावा, वेटलैंड्स के किनारे डस्टबिन और साइनबोर्ड लगाए गए, ताकि लोग यहां कचरा न फैलाएं और साफ-सफाई बनी रहे.

वेटलैंड्स में हैं अद्भुत जलीय पौधे और मछलियां

इन वेटलैंड्स में केवल पक्षी ही नहीं, बल्कि कई अद्भुत जलीय पौधे और मछलियां भी मौजूद हैं. यहाँ Utricularia नामक एक कीटभक्षी पौधा पाया गया, जो पानी में मौजूद छोटे-छोटे कीड़ों को खाकर जल को स्वच्छ करता है. इसके अलावा नाजास, वेलिसनेरिया और लिम्नोफिला जैसे जलीय पौधे प्रवासी बत्तखों के भोजन का मुख्य स्रोत हैं. मछलियों की भी कई महत्वपूर्ण प्रजातियां यहां पाई गईं, जिनमें रोहू, कतला, पोठी, मोला और टेंगना प्रमुख हैं. ये शिकारी पक्षियों के भोजन का अहम हिस्सा हैं और स्थानीय पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद करती हैं.

ईको-टूरिज्म से जोड़ने पर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा खैरागढ़

इस सर्वेक्षण से यह स्पष्ट होता है कि यदि इस क्षेत्र को ईको-टूरिज्म से जोड़ा जाए तो यह जगह पक्षी प्रेमियों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन सकती है. इसके लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी बेहद आवश्यक होगी. यदि ग्रामीणों को इस क्षेत्र के महत्व के बारे में जागरूक किया जाए और पर्यटन से जोड़ा जाए तो वे स्वयं आगे आकर इस प्राकृतिक धरोहर की रक्षा करने के लिए प्रेरित होंगे. खैरागढ़ का यह वेटलैंड सर्वेक्षण न केवल यहां की जैव विविधता को उजागर करता है, बल्कि हमें प्रकृति के इन अनमोल खजानों को बचाने की जिम्मेदारी भी याद दिलाता है. यदि इन वेटलैंड्स को संरक्षित किया जाए तो आने वाले वर्षों में यह छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा पक्षी विहार बन सकता है.