Special Story

पहाड़ियों में मिला नक्सलियों का बंकर, सोलर प्लेट और हथियार बनाने का सामान बरामद

पहाड़ियों में मिला नक्सलियों का बंकर, सोलर प्लेट और हथियार बनाने का सामान बरामद

ShivApr 19, 20251 min read

बीजापुर।    छत्तीसगढ़ में अब माओवादियों के खात्मे का काउंटडाउन…

वनमंत्री केदार कश्यप ने लघुवनोपज प्रसंस्करण केंद्र का किया अवलोकन

वनमंत्री केदार कश्यप ने लघुवनोपज प्रसंस्करण केंद्र का किया अवलोकन

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने आज…

सुशासन तिहारः जनता से सरोकार, बहने लगी खुशियों की बयार

सुशासन तिहारः जनता से सरोकार, बहने लगी खुशियों की बयार

ShivApr 19, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में प्रदेश…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कैशलेस चिकित्सा को लेकर संघ ने की वित्त मंत्री से मुलाकात, मंत्री ने दिया पहल का ठोस आश्वासन

रायपुर- कर्मचारियों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा का लाभ छत्तीसगढ़ में चल मिल सकता है। स्वास्थ्य मंत्री के बाद अब वित्त मंत्री ने भी छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा संघ की मांगों पर मुहर लगायी है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आश्वस्त किया है कि वो कर्मचारी संघ की इस मांग लेकर आगे पहल करेंगे। इससे पहले आज प्रदेश अध्यक्ष ऊषा चंद्राकर और संरक्षक राकेश सिंह, संभाग सचिव देव साहू ने वित्त मंत्री ओमप्रकाश चौधरी से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल की बातों को सुनने के बाद मंत्री ओपी चौधरी ने जल्द ही कैशलेस चिकित्सा बहाल करने के संकेत दिए।

छत्तीसगढ़ कैशलेश चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश प्रतिनिधि एवं संभाग प्रतिनिधियों के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की। छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी एवं उनके परिवार साथ ही पेंशन धारी कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेस जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की। इससे पहले भी वित्त मंत्री से इस योजना के बहाली हेतु मुलाकात की गई थी, जहां उन्हें आश्वासन दिया गया था की लोकसभा चुनाव के पश्चात जल्द ही कर्मचारी हित में मेडिकल कैशलेस की बहाली की घोषणा की जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर ने यह भी कहा कि आज स्वास्थ्य ऐसी समस्या है, जिसमें शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक एवं आर्थिक रूप से मरीज और उसके परिवार पीड़ित होते हैं। सरकार के द्वारा जो प्रतिपूर्ति दी भी जाती है उसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि आज कई सालों से कुछ कर्मचारियों की प्रतिपूर्ति की फाइल अटकी हुई है। साथ ही किसी कर्मचारी या उसके परिवार के इलाज में प्राइवेट हॉस्पिटलों में जिस प्रकार आर्थिक व्यय होता है शासन की प्रति पूर्ति में उसका आधा राशि भी प्राप्त नहीं होता। कभी-कभी कर्मचारी अपने इलाज के लिए अपनी जमा पूंजी को भी खर्च कर देते कभी उन्हें अपने रिश्तेदारों या साथियों से कर्ज लेना पड़ता है।

संघ की तरफ से कैशलेस चिकित्सा को लेकर जिस तरह का प्रयास किया जा रहा है, उससे यही कयास लग रहे हैं कि जल्द ही सरकार इस दिशा में कोई निर्णय लेगी। वित्त मंत्री से मुलाकात के दौरान भी वो संघ की बातों से पूर्ण रूप से सहमत दिखे, उन्होंने माना कि क्लेम लेने में कर्मचारियों को काफी दिक्कत होती है, लिहाजा उसे दूर किया जाना जरूरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि कैशलेस बीमा की तरफ सरकार कदम बढ़ा सकती है।