केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव नवनिर्मित ऑडिटोरियम ‘दण्डकारण्य‘ एवं इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली का करेंगे उद्घाटन, नवा रायपुर में होगा कार्यक्रम
रायपुर। केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव 12 अगस्त को नवा रायपुर स्थित अरण्य भवन में नवनिर्मित ऑडिटोरियम और इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वन मंत्री केदार कश्यप, केन्द्रीय वन महानिदेशक एवं भारत सरकार के विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार भी शामिल होंगे।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि लगभग दो करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में आंतरिक साज-सज्जा, लाइट, साउंड सिस्टम, वातानुकूलन, स्टेज, एल.ई.डी स्क्रीन जैसे समस्त सुविधाओं का समावेश किया गया है। इस ऑडिटोरियम में 140 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वन मुख्यालय में समय-समय पर होने वाले सेमिनार, वर्कशॉप, मैदानी अमले, संयुक्त वन प्रबंधन समिति सदस्यों के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए इसकी आवश्यकता थी। इसके लोकार्पण पश्चात् अब मुख्यालय स्तर पर आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों हेतु एक ‘स्टेट ऑफ आर्ट सभागार‘ वन विभाग के पास उपलब्ध होगा और समय-समय पर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन हेतु किराए पर अन्य परिसर लेने पर होने वाले व्यय की बचत होगी।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि वन विभाग के विभिन्न काष्ठागारों में काष्ठ के नीलाम में प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शिता लाने के प्रयास के अनुक्रम में ई-ऑक्शन की प्रक्रिया शुभारंभ होने से काष्ठागारों में काष्ठ के नीलाम में प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शिता आएगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वन विभाग के विभिन्न काष्ठागारों में काष्ठ के नीलाम में प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शिता लाने के प्रयास के अनुक्रम में ई-ऑक्शन की प्रक्रिया का ईओआई के माध्यम से एमएसटीसी के द्वारा ई-ऑक्शन कार्य किया जाएगा। काष्ठागार के काष्ठ नीलामी ई-ऑक्शन के माध्यम से कराये जाने पर शासन एवं बोलीदाता के लिए भुगतान प्रक्रिया त्वरित, पारदर्शी एवं संपर्क रहित हो जायेगी तथा राज्य शासन की राजस्व की प्राप्ति बढ़ेगी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में वन विभाग के विभिन्न काष्ठागारों में ईमारती काष्ठ, बल्ली, व्यापारिक बांस, जलाऊ लकड़ी की नीलामी की जाती है। राज्य में 27 विक्रय डिपो संचालित है जिनसे वर्ष 2023-24 में 258.96 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति हुई है। वर्तमान में नीलामी प्रक्रिया भौतिक है जिससे सुदूर स्थित बोलीदाताओं को नीलामी में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं करती है। इसके अतिरिक्त भुगतान की प्रक्रिया में कागजी कार्यवाही तथा बहुत सारे रिकार्ड रखने पड़ते हैं। ई-ऑक्शन प्रणाली में कागजी कार्रवाई से निजात मिलेगी।