Special Story

कलेक्ट्रेट परिसर में दिनदहाड़े चोरी: स्कूटर की डिक्की से एक लाख रुपये उड़ा ले गया चोर, जांच में जुटी पुलिस

कलेक्ट्रेट परिसर में दिनदहाड़े चोरी: स्कूटर की डिक्की से एक लाख रुपये उड़ा ले गया चोर, जांच में जुटी पुलिस

ShivMay 20, 20252 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अत्यंत सुरक्षित माने जाने वाले कलेक्ट्रेट परिसर…

समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

समाधान शिविर सरकार की जवाबदेही और जनसेवा का प्रतीक – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivMay 20, 20254 min read

दुर्ग।   सरकार का काम केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उनका…

सौतेला बाप निकला हत्यारा, 6 साल पहले बेटे की हत्या कर सेप्टिक टैंक में फेंका था शव

सौतेला बाप निकला हत्यारा, 6 साल पहले बेटे की हत्या कर सेप्टिक टैंक में फेंका था शव

ShivMay 20, 20252 min read

धमतरी। अर्जुनी थाना क्षेत्र के ग्राम भोयना में गोदाम के…

May 20, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कृषक उन्नति योजना के तहत अब किसानों को प्रति एकड़ 19257 रुपए मिलेगी आदान सहायता राशि, साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई और अहम निर्णय…

रायपुर। साय कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए राज्य के किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया है. खरीफ 2023-24 से ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ लागू करने का निर्णय लिया गया.

राज्य के किसानों की आय, फसल उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने तथा फसल की कास्त लागत में कमी करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है. विकेन्द्रीकृत चांवल उपार्जन के लिए भारत सरकार से हुए एमओयू को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना शुरू की जा रही है.

मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कृषक उन्नति योजना के क्रियान्वयन संबंधी प्रस्ताव अनुसार खरीफ वर्ष 2023 में धान खरीदी के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 19,257 रुपए के मान से आदान सहायता राशि प्रदाय की जाएगी और तदानुसार अनुषांगिक कार्यवाही करने के लिए विभाग को अधिकृत किया जाएगा.

मंत्रिपरिषद की बैठक में लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. प्रदेश में 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों-आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाती थी.

एक मार्च से कम अवधि के निरूद्ध व्यक्तियों को 8 हजार रूपए प्रतिमाह, एक से 5 माह तक के निरूद्ध व्यक्तियों को 15 हजार रूपए प्रतिमाह और पांच माह तथा अधिक निरूद्ध व्यक्तियों को 25 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाएगा. भारत में घोषित आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा-डीआईआर के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जनवरी 2020 तथा 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर निरस्त कर दिया गया था. मंत्रिपरिषद की बैठक में उच्च न्यायालय ने 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करते हुए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया. पूर्व अनुसार प्रतिमाह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की जाती है और सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि 01 नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया.

सुशासन और अभिसरण विभाग के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय

प्रदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वाेत्तम संभव उपयोग के लिए और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए पृथक विभाग का गठन किया गया है. इस विभाग के गठन से बेहतर प्रशासन के साथ जनता तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की सुलभ पहुंच सुनिश्चित की जाएगी. डिजिटल गवर्नेंस के तहत प्रशासन के सभी स्तरों पर डिजिटलाईजेशन को बढ़ावा देते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी. नये विचारों और क्रिया विधि के संबंध में शोध और प्रशासनिक सुधार के कार्य किए जाएंगे. विभाग द्वारा राज्य में सुशासन के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए सुशासन फेलोशिप और मुख्यमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदाय किया जाएगा. इस विभाग के अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण शिक्षण संस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग आएंगे.

राजीव नगर आवास योजना का नाम ‘‘अटल विहार योजना‘‘ करने का निर्णय

गौरतलब है कि आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा 2011 में विकास नगर योजना के तहत ई.डब्ल्यू.एस. एवं एल.आई.जी. भवनों के लिए अनुदान एवं शासकीय भूमि आबंटन के लिए योजना का नामकरण अटल विहार योजना किया गया था. जिसे वर्ष 2021 में बदलकर राजीव नगर आवास योजना कर दिया गया था. मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना का नामकरण पुनः ‘‘अटल विहार योजना‘‘ करने का निर्णय लिया गया.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अंत्योदय और प्राथमिकता राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक आवश्यक शक्कर वितरण के लिए राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से शक्कर क्रय करने का निर्णय लिया गया.शक्कर का क्रय मूल्य 35,000 रूपए प्रति टन (एक्स फैक्टरी और जीएसटी अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है.

छत्तीसगढ़ राज्य में आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवादी जैसे विशेष मामलों, प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान एवं अभियोजन के लिए राज्य इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एस.आई.ए.) के गठन का निर्णय लिया गया. यह एजेंसी राष्ट्रीय इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एन.आई.ए.) के साथ समन्वय के लिए राज्य के नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगी. इसके लिए एक पुलिस अधीक्षक सहित कुल 74 नवीन पदों का निर्माण किया गया है.

छत्तीसगढ़ सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ एवं छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ द्वारा की गई मांग को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के नियम 13 (1) में आंशिक संशोधन किया गया, जिसके तहत संविदा पर नियुक्त कर्मचारी को 18 दिनों के आकस्मिक अवकाश के स्थान पर 30 दिनों के आकस्मिक अवकाश की पात्रता होगी.

अनुकम्पा नियुक्तियों के आवेदकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि कलेक्टर कार्यालय में अग्रेषित होकर आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर द्वारा जिले में अधीनस्थ कार्यालयों में अनुकम्पा नियुक्ति के लिए रिक्त पदों पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की कार्यवाही की जाएगी. जिले में किसी भी कार्यालय में अनुकम्पा नियुक्ति के रिक्त पद उपलब्ध न होने पर आवेदन संभागीय आयुक्त कार्यालय में प्रेषित किया जाएगा. संभागीय आयुक्त अपने अधीनस्थ जिले जहां पर पद रिक्त होंगे उस जिले के कलेक्टर को प्रकरण अग्रेषित करेंगे. निर्धारित समय सीमा के भीतर अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का निराकरण कलेक्टर और संभाग आयुक्त द्वारा किया जाएगा.