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प्रदेश में नशीली दवाओं के खिलाफ चल रही मुहिम तेज, 25 मेडिकल स्टोरों की लाइसेंस निरस्त…

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ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर। प्रदेश में नशीली दवाइयों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने…

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भव्य एवं धूमधाम से मनाया जायेगा “रथयात्रा महोत्सव” : पुरन्दर मिश्रा

ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी रायपुर…

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने EVM-VVPAT वेयरहाउस का किया त्रैमासिक निरीक्षण

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ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने सोमवार को रायपुर…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के निवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

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ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा…

June 9, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

UDFA ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात, चार सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

रायपुर।    United Doctors Front Association ने आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. एसोशिएशन का आरोप है कि नियम विरूद्ध नीट PG में एम्स रायपुर के MBBS पास आउट लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है, इस पर रोक लगाने की मांग की है. वहीं UDFA छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉक्टर हीरा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हमारी मांगे सुनकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

इन मांगों को लेकर सौंपा गया ज्ञापन

1. भूल या त्रुटि:

बॉन्डेड डॉक्टर्स बैच 2018 में लगभग 535 डॉक्टर है. जिन्हें मूल वेतन (69850) से 14850 रुपये कम है यानि 55000 रुपए मिलता है (एक लिपिकीय त्रुटि के कारण). उनका वेतन विसंगति दूर हो, उन्हें सन् 2023 का बढ़ा हुआ वेतन (69850) दिया जाए.

2. काउंसलिंग में खेल:

NEET PG काउंसलिंग में राज्य कोटे की 50% सीट जिन पर छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों का हक है, उनपर AIIMS रायपुर से पासआउट MBBS डॉक्टर्स को एडमिशन दिया जा रहा है. इसे गलत ठहराते हुए कहा कि इस स्टेट कोटे की सीट में सिर्फ राज्य के अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाये. AIIMS से पासआउट होने वालों को सिर्फ ऑल इंडिया कोटे के लिए पात्र किया जाए.

3. PG की अवधि बढ़ी लेकिन छुट्टी नहीं:

रेगुलर, परमानेंट चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सक जो एमडी, MS, DM, MCh में तृतीय वर्ष में जो बिना वेतन के कार्य कर रहे हैं, उनका अध्ययन अवकाश 2 वर्ष से बढ़ाकर 3 वर्ष का सवैतनिक अवकाश किया जाये, ताकि उनको अंतिम वर्ष में भी सैलरी मिल सके.

4. हम भी इंसान है मशीन नहीं

PG रेसिडेंट, जो 24/36 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें 24 घंटे ड्यूटी के बाद अवकाश मिले और हफ्ते में एक दिन का अवकाश दिया जाए. उन्होंने कहा कि लगातार काम करने से हम भी मानसिक और शारीरिक रूप से थक जाते हैं. जो मरीजों की सेवा करने में घातक साबित होता है.