Special Story

धान खरीदी में अनियमितता, उपार्जन केंद्र प्रभारी निलंबित

धान खरीदी में अनियमितता, उपार्जन केंद्र प्रभारी निलंबित

ShivJan 30, 20251 min read

रायपुर। महासमुंद जिले के झारमुड़ा धान उपार्जन केंद्र में धान खरीदी…

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को गुप्त नवरात्रि की दी बधाई

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को गुप्त नवरात्रि की दी बधाई

ShivJan 30, 20251 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को गुप्त नवरात्रि की…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

ShivJan 30, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

January 30, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टीएस सिंहदेव ने उठाया सवाल, अजय चंद्राकर का पलटवार- यही है कांग्रेस का असली चरित्र…

रायपुर। बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय संविधान पीठ के फैसले पर अबकी बार पूर्व उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने सवाल उठाया है, जिस पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने तंज कसते हुए कहा कि यही कांग्रेस का असली चरित्र है. 

पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव वायरल वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर छत्तीसगढ़ भाजपा ने शेयर किया है. जिसमें सिंहदेव यह कहते नजर आ रहे हैं कि जब बाबरी मस्जिद के समय जो फैसला सुनाया गया, उस फैसले में किसी भी जज के हस्ताक्षर नहीं है. यह फैसला वह फैसला है, देश में जो विषम परिस्थिति बन गई थी, उसे खत्म करने के लिए पांच जज के बेंच ने यह फैसला किया.

पूर्व उप मुख्यमंत्री कहते सुनाई दे रहे हैं कि देश में विद्यमान नियम-कानून के खिलाफ, जितने संविधान के प्रावधान है, उसके खिलाफ यह फैसला सुनाया गया. एक बाबरी मस्जिद के बाद आज 40 हजार स्थान देश में ऐसे हैं, जहां गड़े मुर्दे उखाड़े जा सकते हैं. एक बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट के जजों ने क्यों ऐसा फैसला लिया, जिसमें सही और गलत को आधार नहीं बनाया.

टीएस सिंहदेव के इस वायरल वीडियो पर पलटवार करते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस का असली चरित्र यही है, जो टीएस सिंहदेव ने कहा है. संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करना कांग्रेस की फितरत है. यह सीधे-सीधे संवैधानिक संस्था न्यायपालिका अपमान है. सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में सिंहदेव के खिलाफ कार्रवाई करे.