Special Story

खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रशासन सख्त

खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रशासन सख्त

ShivJun 17, 20252 min read

बलौदाबाजार। कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में मंगलवार क़ो संयुक्त…

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

ShivJun 17, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी…

लूटपाट और उगाही का मामला : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के 6 पदाधिकारियों को 7-7 साल की सजा

लूटपाट और उगाही का मामला : छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के 6 पदाधिकारियों को 7-7 साल की सजा

ShivJun 17, 20252 min read

जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में वर्ष 2021 में हुई…

June 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भाजपा महापौर प्रत्याशी की बढ़ सकती है मुसीबत : जाति प्रमाण पत्र को हाईकोर्ट में दी गई चुनौती, बसपा उम्मीदवार ने लगाई याचिका

बिलासपुर।  न्यायधानी में बीजेपी मेयर प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ने लगी है. नगर निगम बिलासपुर से भाजपा महापौर प्रत्याशी एल पदमजा ऊर्फ पूजा विधानी की ओबीसी जाति प्रमाण पत्र का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. बहुजन समाज पार्टी के महापौर प्रत्याशी अकाश मौर्य ने हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए आवेदन किया है. हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने आवेदन को पंजीकृत कर लिया है.

इस मामले को लेकर अधिवक्ता लवकुश साहू के माध्यम से पेश याचिका में कहा गया है कि भाजपा महापौर एल पदमजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र के दस्तावेज आरओ द्बारा नहीं दिए जाने के खिलाफ बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य ने याचिका लगाई है. अर्जेंट हियरिग का केस फाइल करते हुए दस्तावेजों की मांग की गई है. अर्जेंट हियरिग में लगने के कारण मामले की सुनवाई आज हो सकती है.

बता दें कि पूजा विधानी को भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने एवं नामांकन दाखिल होने के बाद से जाति प्रमाण पत्र पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है. कांग्रेस ने इस मामले में उनके जाति प्रमाण पत्र को आंध्रप्रदेश का बताते हुए छत्तीसगढ़ में मान्य नहीं होने की बात कही थी. इस संबंध में निर्वाचन आयोग के समक्ष आपत्ति की गई थी. निर्वाचन आयोग ने आपत्ति को निरस्त कर दिया है. वहीं भाजपा की महापौर प्रत्याशी ने अपने ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र को 1995 में नियम से बनाना बताया है. ऐसे में चुनाव के बाद भी उनका जाति प्रमाण पत्र के मुद्दा के समाप्त होने की संभावना कम है.