Special Story

मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये संशोधनों को मंजूरी

मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये संशोधनों को मंजूरी

ShivApr 22, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की…

मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने में भागीदारी करें आयुष विभाग : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने में भागीदारी करें आयुष विभाग : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 22, 20255 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मेडिकल टूरिज्म…

एयर एम्बुलेंस सुविधा का होगा विस्तार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

एयर एम्बुलेंस सुविधा का होगा विस्तार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 22, 20254 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश…

किसानों को बेचे गए अमानक पावर वीडर की होगी जांच, कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने दिए निर्देश

किसानों को बेचे गए अमानक पावर वीडर की होगी जांच, कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने दिए निर्देश

ShivApr 22, 20251 min read

रायपुर। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने उद्यानिकी विभाग में कृषि…

April 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदेशभर में मनाया जाएगा जनजातीय गौरव दिवस, सभी जिला मुख्यालयों में होंगे कार्यक्रम

रायपुर।      छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया जाएगा. इस अवसर पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में CM साय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. इसके पहले भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पदयात्रा करेंगे.

CM साय राजधानी में आयोजित कार्यक्रमों में होंगे शामिल

वहीं, प्रदेश के अन्य जिलों में भी बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. बिलासपुर में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, मुंगेली में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और राजनांदगांव में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होंगे.

जानिए किस जिले के कार्यक्रम में कौन से मंत्री होंगे शामिल:

जानिए कौन थे भगवान बिरसा मुंडा

बिरसा मुंडा (15 नवम्बर 1875 – 9 जून 1900) एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और मुंडा जनजाति के लोक नायक थे. उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में हुए एक आदिवासी धार्मिक सहस्राब्दी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए. उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजातीय समुदाय को एकजुट किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया और महज 25 साल की उम्र में वे शहीद हो गए. इसके बाद से ही उन्हें भारत के आदिवासी भगवान मानने लगे. उन्हें ‘धरतीबा’ के नाम से भी जाना जाता है.इसलिए उनकी जयंति को देशभर में जनजातीय दिवस के रूप में मनाया जाता है.