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मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

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ShivMay 16, 20252 min read

रायपुर।   बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के करेगुट्टा पर्वत की…

मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

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ShivMay 16, 20252 min read

रायपुर।    सुशासन तिहार के अपने दौरे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

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ShivMay 16, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले…

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

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ShivMay 16, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से…

May 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के समक्ष आदिवासियों ने पारंपरिक वेशभूषा में प्रसिद्ध लोकनृत्य का किया प्रदर्शन

रायपुर।     भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मृर्मु को अपने बीच पाकर छत्तीसगढ़ के लोग हमेशा गौरवान्वित होते हैं, विशेष रूप से यहां के जनजातीय समाज स्वयं को बहुत प्रतिष्ठित महसूस कर रहा है।

छत्तीसगढ़ के गौरवशाली ‘पुरखौती मुक्तांगन‘ में आयोजित सरगुजा प्रखण्ड के लोकार्पण और महतारी वंदन की 9 वीं किस्त की राशि के अंतरण के अवसर पर छत्तीसगढ के आदिवासी समुदाय के लोगों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों के लोग अपनी जीवन-पद्धति, खान-पान, लोक-नृत्य, लोक-संगीत, लोकवाद्यों, कलाओं रीति-रिवाजों, तीज-त्यौहारों, अस्थाओं और अन्य आदिम परंपराओं को सहेज कर रखा है। नर्तक दलों ने अपने नृत्य के माध्यम से बताया कि जनजातीय समाज के गौरव और आत्मसम्मान को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। जनजातीय समाज का कल्याण करने सरकार प्रतिबद्ध है।

छत्तीसगढ़ के गौरवशाली ‘पुरखौती मुक्तांगन‘ में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपने बीच पाकर हमारे छत्तीसगढ के आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी पहचान नृत्य के माध्यम में प्रस्तुत की। जिला सरगुजा, विकासखण्ड मैनपाट के ग्रमा डांगबुड़ा के नर्तक दल ने सरगुजा संभाग के आदिवासियों के प्रसिद्ध लोकनृत्य करमा का पुरूष पारंपरिक वेशभूषा में धोती, कुर्ता, पगड़ी, मयूरपंख सहित और महिलाएं साड़ी- ब्लाउज के साथ पैर में घुंघरू पहनकर मांदर और झांझ बजाते हुए नृत्य का प्रदर्शन किए। करमा नृत्य लगभग हर खुशी के अवसर पर किया जाता है।

इसी प्रकार दंतेवाडा जिला के विपकासखण्ड गीदम के ग्राम जोड़तराई के नर्तकदल ने गौर नृत्य कर पारंपरिक बस्तर के विभिन्न त्यौहारों के जैसे- अमुस तिहार, नवाखाई आमा पण्डुम, शादी-विवाह आदि में महिलाओं और पुरूषों के द्वारा मिलकर सामुहिक रूप से पांरपरिक तरीके से नृत्य का प्रदर्शन किए।

जिला जशपुर के विकासखण्ड कांसाबेल के ग्राम टाटीडांड के नर्तकों ने करमा अपने नृत्य के माध्यम से बताया कि करमा दशहरा के चार दिन बाद गाड़ते हैं, शाम को करम डगाल काटकर गाड़तें हैं और रातभर करमा नृत्य करते हैं । यही राजी करमा के नाम से भी जाना जाता है। इस करमा को बड़े घुमघाम से मनाया जाता है। इसी प्राकर दीपावली करमा दीपावली के दिन शाम को करम पेड से डगाल काटकर गाडते हैं और और रातभर करमा नृत्य करते हुए सुबह विसर्जन करते हैं। इस करमा में गोवर्धन पूजा, लक्ष्मी पूजा भी करते हैं।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।