Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

जनजातीय समुदायों की संस्कृति और पूजा पद्धतियों के संरक्षण के लिए जनजातीय देवलोक करेंगे विकसित : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण और उनके त्यौहार तथा पूजा आदि की विशेष व्यवस्था के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में शीघ्र ही भगोरिया की शुरूआत हो रही है। मुख्यमंत्री निवास में भी मंगलवार 4 मार्च को जनजातीय देवलोक महोत्सव आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों की संस्कृति, पूजा पद्धतियों के संरक्षण के लिए प्रदेश में जनजातीय देवलोक विकसित किया जाएगा। जनजातीय समाज और उनकी परम्पराएं भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। इन परम्पराओं और उपासना पद्धतियों को जीवंत बनाए रखने तथा वर्तमान और आगामी पीढ़ियों को इनसे अवगत कराने के लिए शासकीय योजनाओं का लाभ लेते हुए, कार्य योजना का क्रियान्वयन आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में जनजातीय देवलोक स्थापना के लिए मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, मुख्य सचिव अनुराग जैन तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 7 प्रमुख जनजातियां और इनकी उपजातियों सहित 43 जनजातीय समुदाय निवास करते हैं। जनजातियों ने प्रकृति, प्रतीक और प्रतिमा में अपने देवधारणाओं को स्थापित किया है और इनके माध्यम से वे अपनी आस्था और धारणाओं का प्रकटीकरण करते हैं। प्रदेश के अलग-अलग भौगालिक क्षेत्रों में निवासरत जनजातीय समुदायों के देवी-देवता और उनके प्रतीक भिन्न-भिन्न हैं। अत: राज्य के जनजातीय समुदायों की मान्यताओं, आस्था, प्रतीकों के देवलोक को एक स्थान पर लाने के लिए प्रयास करना आवश्यक है। इन प्रयासों में जनजातीय समुदायों के ओझा, पटेल, पुजारा, तड़वी, भुमका, पंडा, गुनिया आदि के विचारों को भी समाहित किया जाए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देवलोक की स्थापना के लिए सभी जनजातियों के आवागमन की सुगमता को ध्यान में रखते हुए भूमि चिन्हित की जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग गुलशन बामरा, मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार राम तिवारी तथा लक्ष्मण सिंह मरकाम उपस्थित थे।