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पीएम आवास योजना में लापरवाही पर CEO ने की बड़ी कार्रवाई : 14 पंचायत सचिवों का रोका वेतन

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ShivJun 3, 20252 min read

रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने…

राजधानी में युवती के साथ गैंगरेप, वीडियो बनाकर किया ब्लैकमेल, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

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ShivJun 3, 20252 min read

रायपुर। राजधानी के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में एक 19 वर्षीय युवती…

June 3, 2025

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पश्चिम बंगाल के 217 बीएलओ, 2 डीईओ और 12 ईआरओ का प्रशिक्षण IIIDEM में प्रारंभ

रायपुर।  आज से IIIDEM (इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट) में पश्चिम बंगाल से आए 2 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs), 12 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (EROs) और 217 बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) के लिए दो दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। यह पहल, आयोग द्वारा 4 मार्च को IIIDEM में आयोजित सीईओ सम्मेलन में परिकल्पित जमीनी चुनाव अधिकारियों की क्षमता वृद्धि के व्यापक प्रशिक्षण योजना का हिस्सा है।

इसके अतिरिक्त, मीडिया नोडल अधिकारियों, सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों और जिला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आज IIIDEM, नई दिल्ली में संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बदलते मीडिया परिदृश्य में चुनाव अधिकारियों के बीच समन्वय और तैयारी को सशक्त बनाना था।

28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों से आए मीडिया अधिकारियों ने इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भाग लिया, जिसका उद्देश्य एक प्रभावी संचार रणनीति विकसित करना है ताकि सूचना सक्रिय रूप से प्रसारित की जा सके, गलत सूचना का मुकाबला किया जा सके, और विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मतदाता जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके — यह सब विधिक ढांचे (RP अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों) के अनुरूप किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में यह स्वीकार करते हुए कि मीडिया चुनाव प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार है, तथ्यात्मक, समय पर और पारदर्शी संचार की महत्ता को रेखांकित किया, जिससे मतदाताओं का चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बना रहे, विशेषकर इस डिजिटल सूचना युग में। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया अधिकारियों को सही जानकारी के प्रचार में सक्रिय रहना चाहिए और मतदाताओं को तथ्यहीन कथाओं से बचाते हुए उन्हें सही जानकारी से सशक्त बनाना चाहिए।