नर्सिंग कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र ने छत्तीसगढ़ में 5 नर्सिंग कॉलेजों को दी मंजूरी, सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने दी जानकारी
रायपुर। देश में नर्सिंग कर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य में 5 नर्सिंग कॉलेजों सहित देश में 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की घोषणा की है। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने शुक्रवार को लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल के जवाब में दी।
बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में देश में प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सकों की प्रयाप्त संख्या हेतु कोई मानदंड निर्धारण और छत्तीसगढ़ समेत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं, चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की कमी की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की योजना की जानकारी मांगी थी। जिस पर अनुप्रिया पटेल ने बताया कि, देश में राज्य आयुर्विज्ञान परिषदों और राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) में 13,86,136 एलोपेथिक चिकित्सक पंजीकृत और 5.65 लाख आयुष चिकित्सकों की 80% उपलब्धता मानते हुए देश में चिकित्सक जनसंख्या अनुपात 1:836 है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के 1:1000 के मानक में बेहतर है। इसके अतिरिक्त, भारतीय उपचय परिषद के अनुसार देन में लगभग 38.49 नाख पंजीकृत नर्सिंग कार्मिक है। देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 से पहले की तुलना में 88% की वृद्धि से 731 हो गई है। इसके अलावा, एमबीबीएम सीटों में 118% की वृद्धि के साथ 1,12,112 और मेडिकल पीजी सीट्स 2014 से 31,185 की तुलना में वर्तमान में 72,627 हो गई हैं।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएमएसवाई) के सुपर स्पेशियलिटी ब्लाकों के निर्माण द्वारा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के अंतर्गत कुल 75 परियोजनाएं अनुमोदित की गई हैं जिनमें में 66 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। नए एम्स की स्थापना के लिए केन्द्रीय क्षेत्र योजना के तहत 22 एम्स अनुमोदित किए गए हैं। इनमें में 19 में तक पाठ्यक्रम शुरु हो चुके हैं। मेडिकल फैकल्टी की नियुक्ति हेतु डीएनवी अर्हता को मान्यता दी गई है।
मंत्री ने बताया कि, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) के माध्यम से उप स्वास्थ्य केन्द्रों (एमएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचमी) को सुदृढ़ करके व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जाती है। वर्तमान में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 1,73,410 आयुष्मान आरोग्य मंदिर कार्यशील हैं।