त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : तमाम बाधाओं को पार कर इस जिले में दो बड़े आदिवासी चेहरों ने हासिल की जीत
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गरियाबंद। जिला पंचायत में सदस्य के चुनाव में गरियाबंद जिले के दो बड़े आदिवासी चेहरों ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए जीत हासिल की. जिला पंचायत के 4 क्षेत्रों के मतदान में भाजपा समर्थित दो, कांग्रेस समर्थित एक और एक निर्दलीय ने जीत हासिल की.
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में में गरियाबंद जिले के गरियाबंद और मैनपुर ब्लॉक के 315 बूथों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान सम्पन्न हुआ. जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष संजय नेताम ने इस बार क्षेत्र क्रमांक 7 से चुनाव लड़ा था. संजय को हराने विरोधियों ने कांग्रेस से ही दो पदाधिकारियों को मैदान में उतार दिया था, जिसका चुनाव परिणाम पर असर नहीं दिखा.
कांग्रेस अधिकृत संजय नेताम को कुल 14877 मत मिले, वहीं महिला कांग्रेस अध्यक्ष को 5719 मत मिले थे. इस तरह से प्रतिद्वंदी बने अपने ही पार्टी के साथी से संजय ने 9158 मतों से जीत दर्ज किया. विरोधियों को पटकनी देने संजय के पुराने रणनीतिकार और उनके युवा टीम की भूमिका अहम रही.
लोकेश्वरी तीसरी बार बनी जिपं सदस्य
पिछली दो बार क्षेत्र क्रमांक 7 से चुनाव लड़ कर जीत दर्ज कराने वाली आदिवासी नेत्री लोकेश्वरी नेताम ने इस बार क्रमांक 8 से लड़ कर अपनी बादशाहत बरकरार रखी. निर्दलीय लड़ने वाली लोकेश्वरी ने कुल 19293 मत हासिल किए. जबकि भाजपा की प्रयासी सूरती ध्रुवा को 6405 मत लेकर दूसरे और कांग्रेस की सरस्वती नेताम 6213 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहीं.
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भाजपा ने दो सीट के साथ खाता खोला
पहली बार राजनीतिक मैदान में उतर 34 साल के युवा चेहरा गौरी शंकर कश्यप को क्षेत्र क्रमांक 9 से 7065 मतों के अंतर से जीत हासिल हुई. पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी होने के बाद से कई बड़े नेताओं के विरोध का सामना कर रहे गौरी को संघ और विहिप का साथ मिला. एससी केटेगिरी में आने वाले गौरी अध्यक्ष के प्रबल दावेदार हैं. क्षेत्र क्रमांक 6 से भाजपा की लालिमा ठाकुर मैदान में थी, जिन्होंने 18746 मत हासिल किया, जबकि प्रतिद्वंदी सुरेखा नागेश 11622 मत हासिल कर सकीं. इस तरह से 5500 मतों से लालिमा ने जीत दर्ज की.
कई बड़े नेताओं के साख पर उठे सवाल
क्षेत्र क्रमांक 9 से जीत कर जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं कांग्रेस की महिला नेत्री स्मृति ठाकुर ने इस बार यूथ कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष उमेश डोंगरे को मैदान में उतारा था, लेकिन उमेश को केवल 4124 मत मिले. यहां भाजपा के बागी अरुण ठाकुर दूसरे स्थान पर रहे. पंचायत चुनाव में पूर्व विधायक डमरू धर पुजारी के भाई दशरथ उरमाल के सरपंच का चुनाव हार गए.
पूर्व विधायक की धर्मपत्नी और बहू को मिली हार
इसी तरह पूर्व विधायक गोवर्धन मांझी की धर्मपत्नी सरपंच व बहू जनपद सदस्य का चुनाव हार गईं. मैनपुर में भी विधायक जनक ध्रुव अपने कई करीबियों के लिए चुनाव प्रचार किया था, लेकिन उनमें से ज्यादातर को हार का सामना करना पड़ा. गरियाबंज जिला सरपंच संघ अध्यक्ष रहे बलदेव इस बार पंच की कुर्सी नहीं बचा पाए.