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शासकीय कार्यों में बड़ी लापरवाही, एसडीएम ने पटवारी को किया निलंबित

शासकीय कार्यों में बड़ी लापरवाही, एसडीएम ने पटवारी को किया निलंबित

ShivJan 20, 20251 min read

अंबिकापुर। शासकीय कार्यों में लापरवाही के चलते पटवारी नारायण सिंह…

January 20, 2025

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स्कूलों में नहीं होगा युक्तियुक्तकरण, शिक्षक संगठनों ने किया सरकार के निर्णय का स्वागत

रायपुर। शिक्षा विभाग में युक्तियुक्तकरण को स्थगित कर दिया गया है। प्रदेश के शिक्षक संगठनों ने युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का विरोध किया था और चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी थी। इस निणर्य का छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने स्वागत किया है। मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि भविष्य में इस तरह की विभागीय सेटअप से छेड़छाड़ कर शिक्षा व्यवस्था को चरमराने वाली कोई भी नीति विभाग की ओर से नही लाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी की ओर से बैठक में छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सभी प्रान्त संचालक वीरेंद्र दुबे,संजय शर्मा, मनीष मिश्रा, विकास राजपूत, तथा प्रांतीय उपसंचालक धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी, जितेंद्र शर्मा, अब्दुल आसिफ खान, मनोज सनाढ्य, सुधीर प्रधान आदि सम्मलित रहे और समवेत स्वर में युक्तियुक्तकरण के जारी निर्देशों का कड़ा विरोध कर तत्काल इसे स्थगित करने की मांग की थी।

छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इस प्रक्रिया का विरोध करते हुए चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत कर दी थी। इसमें मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और DPI संचालक के नाम कलेक्टर, जिलाशिक्षाधिकारी को ज्ञापन दिया गया था। दूसरे चरण में पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरुण साव सहित सभी मंत्री, सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपकर युक्तियुक्तकरण के जारी निर्देशों से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराया था।

इसी सिलसिले में शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया था तो उन्होंने शिक्षा सचिव को तत्काल फोन कर मोर्चा के साथ बैठकर समाधान निकालने का निर्देश दिया था। इसी परिपेक्ष में बीते रोज मंत्रालय में शिक्षक संगठनों की बैठक हुई, जिसका परिणाम आज निकल कर सामने आया कि विभाग ने फिलहाल युक्तियुक्तकरण को स्थगित कर दिया है।

मोर्चा संचालकों ने इस निर्णय के लिए छग शासन का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी इस तरह के अव्यवहारिक निर्णयों से विभाग को दूर रखेगी।