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April 20, 2025

Apni Sarkaar

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प्रदेश के स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्य सामग्री में होगा बदलाव, शिक्षकों के प्रभावी प्रशिक्षण के लिए बनाये जायेंगे मानदंड

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कक्षा 1 से 12वीं तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप पाठ्य सामग्री में बदलाव होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा सचिव ने बैठक ली. नवनियुक्त और सेवाकालीन शिक्षकों के प्रभावी प्रशिक्षण के लिए मापदंड बनेंगे. शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं द्वारा भी समर कैंप का आयोजन होगा।

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में की गई अनुशंसा अनुसार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को ध्यान में रखकर कक्षा 1 से 12वीं तक की पुस्तकों का शीघ्र निर्माण किया जाए. शिक्षा की गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षण को प्रभावी बनाने डीपीआई समग्र शिक्षा और एससीईआरटी तीनों के समन्वय से एक सप्ताह के भीतर रणनीति बनाकर प्रशिक्षण प्रारंभ करें.

उन्होंने SCERT में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्वरित क्रियान्वयन के लिए शिक्षा गुणवत्ता, प्रभावी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम निर्माण, पाठ्यचर्या निर्माण, वार्षिक कैलेंडर और शासकीय संस्थाओं की भूमिका को लेकर लोक शिक्षण संचालनालय समग्र शिक्षा और एनसीईआरटी के अधिकारियों के साथ बैठक की.

स्कूल शिक्षा विभाग के सभी प्रमुख निकायों के बेहतर समन्वय से ही शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है. उन्होंने स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क के लिए स्टीयरिंग कमेटी की बैठक अशासकीय संस्थाओं के लिए रणनीति पाठ्य पुस्तक और प्रशिक्षण रणनीति एक सप्ताह में निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप तहत कक्षा एक से बारहवीं तक पाठ्य पुस्तक नवंबर दिसंबर तक तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बुनियादी कार्य को प्राथमिकता प्रदान करने और अतिरिक्त कार्य जैसे छत्तीसगढ़ की अन्य भाषाओं बोलियां में सामग्री तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने आज सबसे ज्यादा फोकस प्रशिक्षण को प्रभावित प्रशिक्षण बनाने पर दिया. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों और शिक्षकों के चिन्हांकन व चयन का मापदंड निर्धारित किया जाए. उन्होंने आवश्यकता आधारित वी परिणाम मूलक प्रशिक्षण, अवधि में वृद्धि किए जाने बच्चों में लीडरशिप और पर्सनालिटी डेवलपमेंट सहित महत्वपूर्ण विषयों को शामिल करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में एससीईआरटी शिक्षा महाविद्यालय के अलावा प्रशासनिक कार्य करने वाले अधिकारियों अर्थात प्राचार्य स्तर की ट्रेनिंग छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी में भी अन्य शिक्षकों की ट्रेनिंग ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान जैसे शासकीय संस्थानों में भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए जिले और ब्लॉक स्तर पर भी गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने 27 मई से सभी डाइट में व ब्लॉक मुख्यालय में 10 जून से प्रशिक्षण प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी निर्देशित किया की स्कूल खुलने से पहले ऐसा वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर बनाया जाए जो शिक्षक रख सकें और पालक पढ़ सकें.

शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 33 जिलों में मैपिंग किए जाने के निर्देश भी दिए गए उन्होंने सभी अशासकीय संस्थाओं से समर कैंप लगाए जाने की अपील की है. उन्होंने राज्य में स्थापित होने वाले विद्या समीक्षा केंद्र पर भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए.