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मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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ShivFeb 24, 202512 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

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ShivFeb 24, 20252 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले…

शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी (शराब निर्माताओं)…

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ShivFeb 24, 20251 min read

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सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

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ShivFeb 24, 20252 min read

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February 24, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

धान खरीदने सहकारी समिति के पास जगह नहीं, इधर सरकारी भूमि पर रसूखदार का अवैध कब्जा

तखतपुर।  छत्तीसगढ़ सरकार ने 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू करने की घोषणा कर दी है, लेकिन कई खरीदी केंद्रों के पास धान खरीदी करने के लिए जमीन नहीं है. बार-बार मांग किए जाने के बाद भी शासन की ओर से खरीदी केंद्रों को जमीन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. कई धान उपार्जन केन्द्र निजी जमीन पर किराए पर चल रहे हैं. भले ही वह निजी जमीन का मालिक शासन की कई एकड़ जमीन पर अवैध बेजा कब्जा करके रखा है. ऐस ही मामला बिलासपुर जिले तखतपुर के जुनापारा क्षेत्र का है, जहां चोरहा गांव में कई बार बेदखली आदेश जारी किए जाने के बाद भी शासन खुद की जमीन से कब्जा हटाकर उसका उपयोग नहीं कर पा रही है. इससे शासन को लाखों की क्षति हो रही है. वहीं निजी जमीन मालिक शासन की जमीन पर व्यवसायिक उपयोग कर या फसल उगाकर दोहरा लाभ ले रहे हैं.

चोरहा गांव में आदिवासी सेवा सहकारी समिति जुनापारा द्वारा शासन के निर्देश पर समर्थन मूल्य पर किसानों से धान उपार्जन किया जाता है. यह उपार्जन एक किसान के निजी जमीन पर होता है और उसके बदले शासन की ओर से जमीन का किराया भी दिया जाता है, लेकिन वह किसान शासन की हाईवे से लगी करोड़ों की जमीन पर बेजा कब्जा करके पहले डामर प्लांट के लिए किराए पर देकर उसका व्यवसायिक उपयोग करता रहा. इस मामले में संज्ञान लेते हुए शासन ने बेदखली आदेश भी जारी किया था. इसके बाद भी खाली नहीं किया और डामर प्लांट बेखौफ चलता रहा. जब शासन से बेदखली आदेश का पालन नहीं किए जाने को लेकर जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों द्वारा सवाल खड़े किए गए तो डामर प्लांट को हटा दिया गया, मगर कब्जा नहीं छोड़ा गया और उसने अब धान की फसल लगा दिया है.

जमीन उपलब्ध कराने सहकारी समिति ने अफसरों को दिया आवेदन

शासन द्वारा बेदखली आदेश के बाद भी जमीन नहीं खाली कराया गया है. बता दें कि आदिवासी सेवा सहकारी समिति जुनापारा वर्षों से धान उपार्जन केन्द्र के लिए जमीन की मांग कर रही है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध नहीं कराया गया है. नवंबर से वर्ष 2024-25 का धान उपार्जन शुरू हो जाएगा, लेकिन अभी तक जमीन आवंटन नहीं होने से सेवा सहकारी समिति के अधिकारियों सहित किसान भी पशोपेश में हैं कि धान खरीदी कहां पर होगा? क्योंकि जिस किसान की निजी जमीन पर धान उपार्जन होता था, उसने इस बार अपनी जमीन को किराए पर देने से मना कर दिया है. वहीं जिस जमीन पर धान उपार्जन होता था वह गड्ढे में होने के कारण धान खरीदी के समय भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस मामले में जुनापारा आदिवासी सेवा सहकारी समिति ने इस वर्ष भी तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर के पास पुनः जमीन उपलब्ध कराने का आवेदन दिया है.

धान खरीदी के लिए जगह नहीं मिलना बड़ी विडंबना : कांग्रेस नेता

इस मामले को लेकर युवा कांग्रेस नेता रामेश्वर पूरी गोस्वामी ने बताया कि धान खरीदी के लिए जगह नहीं मिलना बड़ी ही विडंबना है. प्रशासन द्वारा जूनापारा क्षेत्र में किसानों के लिए धान खरीदी केंद्र में जमीन नहीं मिलने से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं. आदिवासी सेवा सहकारी समिति जूनापारा ने बिलासपुर कलेक्टर को ज्ञापन देकर धान खरीदी के लिए जगह की मांग की है. पूर्व में जिस जगह धान खरीदी किया जा रहा था वह निजी जमीन था, जिसका उपयोग करने के लिए शासन द्वारा प्रतिवर्ष 10 हजार रुपए दिया जाता था, जबकि उसी जमीन से लगे शासकीय जमीन में उसी जमीन मालिक द्वारा कब्जा कर डामर प्लांट स्थापित कर सालाना लाखों रुपए कमाया जा रहा था और शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाया जा रहा था. उस छोटे झाड़ के शासकीय जमीन को बेदखली करने का आदेश नायब तहसीलदार दो वर्ष पूर्व जारी कर चुके थे. मैं शासन और प्रशासन से मांग करता हूं कि जब उस शासकीय जमीन में बेदखली आदेश जारी हो चुका है तो कब्जा हटाकर वहा धान खरीदी किया जाए. इससे शासन को प्रति वर्ष हो रहे आर्थिक क्षति से बचाया जा सकता है और उस शासकीय भूमि को संरक्षित किया जा सकेगा.

अफसर बोले – जांच के बाद की जाएगी कार्यवाही

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुविभागीय अधिकारी ज्योति पटेल ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया होगा तो उसके ऊपर आर्थिक क्षति का प्रकरण दर्ज कर बेदखली की कार्यवाही की जाएगी. सेवा सहकारी समिति का आवेदन प्राप्त होने पर उस जमीन को धान खरीदी के लिए दिया जाएगा.