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जनजातीय संस्कृति में भगोरिया हाट का है विशेष महत्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को बड़वानी जिले…

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन से होगी रोजगार में वृद्धि : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को शिवपुरी में नवनिर्मित…

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

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ShivMar 10, 20252 min read

रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का…

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

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ShivMar 10, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित…

March 10, 2025

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समग्र शिक्षा अभियान और स्वायत्त निकायों की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत: बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली/रायपुर।   रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल गुरुवार को राज्यसभा सचिवालय में आयोजित शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, युवा एवं खेल की स्थाई समिति की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल हुए। बैठक में स्कूल शिक्षा पर नई शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रभावों और इसकी क्रियान्वयन प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक के दौरान स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी, स्कूल शिक्षक संघों और सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए। चर्चा का मुख्य फोकस नई शिक्षा नीति के प्रभाव, समग्र शिक्षा अभियान, और स्वायत्त निकायों जैसे एनसीईआरटी, केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस), एवं नवोदय विद्यालय समिति (एनबीएस) की कार्यप्रणाली पर रहा।

इसके अलावा, समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए उठाए जा रहे कदम, स्वायत्त निकायों के कार्यप्रणाली का मूल्यांकन और इनके प्रभावी संचालन के सुझाव के साथ ही बजट आवंटन और योजनाओं का कार्य निष्पादन, शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा और इनके कार्यान्वयन में सामने आने वाली चुनौतियों तथा इनसे निपटने के उपाय जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गई।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस बैठक में छत्तीसगढ़ के शैक्षिक परिदृश्य की चुनौतियों और संभावनाओं को प्रमुखता से रखा। उन्होंने कहा कि “नई शिक्षा नीति देश के युवाओं को सशक्त बनाने का माध्यम है, और इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सभी संबंधित पक्षों का समन्वय जरूरी है। एनईपी से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार की उम्मीद है, लेकिन इसके सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संसाधन, शिक्षक प्रशिक्षण और बजट आवंटन सुनिश्चित करना आवश्यक है।”

उन्होंने समिति के समक्ष सुझाव दिया कि ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में शैक्षिक सुविधाओं को बढ़ाने और समग्र शिक्षा अभियान को और प्रभावी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही, उन्होंने स्वायत्त निकायों के कामकाज को और अधिक सशक्त और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

यह बैठक शिक्षा क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी और इसके निष्कर्षों से देश में शिक्षा प्रणाली को और सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।