Special Story

भारत का खोया हुआ भाई लगता है जापान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भारत का खोया हुआ भाई लगता है जापान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivJan 30, 20256 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि…

औद्योगिक विकास के लिये हरसंभव सहायता देने सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

औद्योगिक विकास के लिये हरसंभव सहायता देने सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivJan 30, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश…

महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये करें समुचित प्रबन्ध : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिये करें समुचित प्रबन्ध : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivJan 30, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रयागराज में हुई भगदड़…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान के इंडिया क्लब में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दीं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जापान के इंडिया क्लब में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दीं

ShivJan 30, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की…

January 30, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

किसानों की आय बढ़ाने सही उत्पादन की जरूरत: कुलपति डाॅ. गिरीश चंदेल

रायपुर। आइसीएआर और धानुका एग्रीटेक ने एक निजी होटल में प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से किसानों की उत्पादन और कृषि आय को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि आईजीकेवी के कुलपति डाॅ. गिरीश चंदेल ने जानकारी देते हुए कहा कि इस संयुक्त रूप से आयोजित ऐतिहासिक के.वी.के. के कार्यशाला ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और अटारी क्षेत्र के माध्यम से पूरे देश में किसानों की आय बढ़ाने की नींव रखी। इस आयोजन ने कृषि क्षेत्र में सार्वजानिक निजी भागीदारी की ताकत और क्षमता का उदहारण दिया और देश के सुदूर गांवों में उन्नत प्रद्यौगिकियों का प्रसार और तैनाती पर जोर दिया। हमारा प्राथमिक उद्देश्य किसानों केवीके और सभी संबंधित हितधारकों के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध कृषि प्रौद्योगिकियों का प्रसार करना है। कार्यशाला का उद्देश्य किसानों के उत्पादन उत्पादकता और कृषि आय को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देना है। भारत के विशाल कृषि परिदृश्य जिसमें 6.5 लाख गांव और 14 करोड़ किसान शामिल है , देते हुए यह पहल महत्वपूर्ण है। इस व्यापक किसान आधार तक पहुंचाना किसी भी एकल इकाई के लिए बहुत कठिन कार्य है, जो मजबूत सार्वजनिक निजी भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालना है। कार्यशाला में कृषि क्षेत्र के प्रतिष्ठित वैज्ञानिककार्यशाला में कृषि क्षेत्र के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक अधिकारी उपस्थित थे। एनआईबीएसएम के निदेशक डॉक्टर पी के घोष सम्मानित अतिथि, आईआईएसआर के निदेशक डॉक्टर के एच सिंह, डीडब्ल्यूआर के निदेशक डॉक्टर जेएस मिश्रा अटारी जोन के निदेशक डॉक्टर एसआरके सिंह , संयुक्त निदेशक आईसीएआर एनआईबीएसएम डॉक्टर कल्याण मंडल संयुक्त निदेशक डॉक्टर ए के दीक्षित और डॉक्टर पी के चक्रवर्ती पूर्व सदस्य एएसआरबी आईसीएआर ने कार्यक्रम की शोभा बधाई। साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सभी 81 केवीके के वैज्ञानिक भी कार्यक्रम में शामिल रहे।