Special Story

खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रशासन सख्त

खनिज के अवैध उत्खनन और परिवहन पर प्रशासन सख्त

ShivJun 17, 20252 min read

बलौदाबाजार। कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में मंगलवार क़ो संयुक्त…

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री ने परिवहन सुरक्षा बेड़े में शामिल 48 वाहनों को झंडी दिखाकर किया रवाना

ShivJun 17, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि हमारी…

June 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

फिर गिर गया सरकारी स्कूल के छत का प्लास्टर, बाल-बाल बचे बच्चे, सरपंच ने कहा – घटना के बाद भी सोया हुआ है प्रशासन

बालोद। जिले में एक बार फिर स्कूल के छत का पलास्टर गिरने का मामला सामने आया है. इस बार मामला आदिवासी विकासखण्ड डौंडी के ग्राम भर्रीटोला 36 हायर सेकेंडरी स्कूल का है. यहां का स्कूल भवन काफी जर्जर हो गया है. इस स्कूल में 9वीं से 12वीं तक 350 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. यहां कक्षा 12वीं के क्लास रूम के छत का पलास्टर भरभरा कर गिर गया. गनीमत रहा कि उस वक्त क्लास में कोई नहीं था वरना जनहानि भी हो सकती थी.

बताया जा रहा कि बुधवार को भारत बंद के आह्वान पर स्कूल को भी संगठन के लोग बंद करवाने स्कूल गए थे और स्कूल की छुट्टी करवाई थी. स्कूल की छुट्टी होने के ठीक 5 मिनट बाद ही स्कूल भवन का प्लास्ट गिर गया, जिससे बच्चे बाल बाल बच गए. पूरे मामले में सरपंच अनिता पौषार्य ने बताया कि उनके द्वारा कई बार डीईओ, कलेक्टर, पूर्व मुख्यमंत्री, विधायक एवं समय समय पर विभिन्न अधिकारी और जन प्रतिनिधियों को जर्जर भवन के बारे में चिट्ठी देकर बार-बार अवगत करा चुके हैं, लेकिन सिस्टम ही इतना घटिया है कि आज भी स्कूल जर्जर है. नतीजा स्कूल के छत का पलास्टर गिर गया. अब इस घटना के बाद प्रशासन की नींद खुले तो खुले.

डीईओ ने छोटे कर्मचारी पर फोड़ा घटना की ठीकरा

कल ही कोरगुडा प्राथमिक स्कूल की छत का पलास्टर बच्चों पर गिरा था, जिससे 4 बच्चे गम्भीर रूप से घायल हो गए थे. बच्चों को आनन फानन में जिला अस्पताल लाकर इलाज करवाया गया था. मामले में डीईओ ने दोषी करार देते हुए छोटे कर्मचारियों यानी स्कूल के प्रधानपाठक और संकुल समन्वयक पर पूरे घटना का ठीकरा फोड़ सस्पेंड कर अपने जिम्म्मेदारी से इतिश्री कर ली थी. वहीं इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास मार्कले से उनका वर्जन लेने फोन पर लगातार संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब ही नहीं दिया.