Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लालबाग में चल रहे मालवा उत्सव में हुये शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को इंदौर के ऐतिहासिक…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित “द चेंजमेकर कॉन्क्लेव” में विभिन्न…

उप मुख्यमंत्री अरुण साव सामूहिक आदर्श विवाह समारोह में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

रायपुर।    उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज महासमुंद जिले के…

उप मुख्यमंत्री अरुण साव कर्मा माता मंदिर प्राण प्रतिष्ठा एवं सम्मान समारोह में हुए शामिल

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ShivMay 11, 20252 min read

रायपुर।  उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज महासमुंद के बसना विकासखंड…

तेज रफ्तार स्कॉर्पियो बिजली खंभा तोड़ते हुए टकराई दीवार से, शादी से लौट रहे 7 लोग घायल…

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ShivMay 11, 20251 min read

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में आज एक भीषण सड़क दुर्घटना…

May 11, 2025

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अबूझमाड़ की महिलाओं ने कलेक्टर को भेजी राखी, शाला भवन और आंगनबाड़ी के साथ मांगा पीने का पानी…

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ कहे जाने वाले नारायणपुर जिला के ग्राम कुंडोली की महिलाओं ने इस रक्षाबंधन पर कलेक्टर को राखी के साथ पत्र भेजा है. पत्र में लिखा है कि “आप हमारे बड़े भैया से भी बढ़कर हैं.” उन्होंने इसके साथ विश्वास जताया है कि कलेक्टर महोदय उनकी राखी को स्वीकार कर सौगात के तौर पर गांव की बुनियादी समस्याओं का समाधान करेंगे. 

गांव की मां अन्नपूर्णा महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कलेक्टर विपिन मांझी को राखी के साथ भेजे पत्र में गांव की बुनियादी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है. आदिवासी महिलाओं ने बताया कि उनका गांव जिला मुख्यालय से काफी दूर स्थित है, और यहां तक पहुंचना बहुत कठिन है.

उन्होंने बताया कि गांव में पिछले 14 वर्षों से शाला भवन की कमी के कारण बच्चों को झोपड़ी में पढ़ाई करनी पड़ रही है. इसके अलावा गांव में पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है, जिससे ग्रामीणों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके साथ महिलाओं ने आंगनबाड़ी की सुविधा की भी मांग की है, जो कि बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए अति आवश्यक है.

बता दें कि कुंडोली गांव नक्सल प्रभावित और पहुंचविहीन इलाका है, जहां आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. रक्षाबंधन पर गांव की महिलाओं ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अपने बेटे-बेटियों, याने कलेक्टर से अपने भांजे-भांजियों के लिए शाला भवन, पीने क पानी और आंगनबाड़ी की सुविधा की मांग की है. आदिवासी महिलाओं की यह अनोखी पहल क्या रंग लाती है, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है.