Special Story

वर्षों बाद युक्तियुक्तकरण से मिले गणित और विज्ञान के व्याख्याता, पालकों ने जाहिर की खुशी

वर्षों बाद युक्तियुक्तकरण से मिले गणित और विज्ञान के व्याख्याता, पालकों ने जाहिर की खुशी

ShivJun 17, 20251 min read

रायपुर। मोहला मानपुर जिले के हाई स्कूल वासड़ी में वर्षों…

शास्त्री मार्केट शराब दुकान में 5 लाख की चोरी, सुपरवाइजर फरार

शास्त्री मार्केट शराब दुकान में 5 लाख की चोरी, सुपरवाइजर फरार

ShivJun 17, 20251 min read

रायपुर। शराब दुकान का सुपरवाइजर करीब 5 लाख रुपए लेकर…

महिला और नवजात की मौत, प्रसव के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का आरोप

महिला और नवजात की मौत, प्रसव के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाही का आरोप

ShivJun 17, 20251 min read

कोरबा। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले कोरवा परिवार…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

June 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अबूझमाड़ की महिलाओं ने कलेक्टर को भेजी राखी, शाला भवन और आंगनबाड़ी के साथ मांगा पीने का पानी…

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ कहे जाने वाले नारायणपुर जिला के ग्राम कुंडोली की महिलाओं ने इस रक्षाबंधन पर कलेक्टर को राखी के साथ पत्र भेजा है. पत्र में लिखा है कि “आप हमारे बड़े भैया से भी बढ़कर हैं.” उन्होंने इसके साथ विश्वास जताया है कि कलेक्टर महोदय उनकी राखी को स्वीकार कर सौगात के तौर पर गांव की बुनियादी समस्याओं का समाधान करेंगे. 

गांव की मां अन्नपूर्णा महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कलेक्टर विपिन मांझी को राखी के साथ भेजे पत्र में गांव की बुनियादी समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है. आदिवासी महिलाओं ने बताया कि उनका गांव जिला मुख्यालय से काफी दूर स्थित है, और यहां तक पहुंचना बहुत कठिन है.

उन्होंने बताया कि गांव में पिछले 14 वर्षों से शाला भवन की कमी के कारण बच्चों को झोपड़ी में पढ़ाई करनी पड़ रही है. इसके अलावा गांव में पीने के पानी की भी गंभीर समस्या है, जिससे ग्रामीणों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके साथ महिलाओं ने आंगनबाड़ी की सुविधा की भी मांग की है, जो कि बच्चों के पोषण और शिक्षा के लिए अति आवश्यक है.

बता दें कि कुंडोली गांव नक्सल प्रभावित और पहुंचविहीन इलाका है, जहां आज भी लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. रक्षाबंधन पर गांव की महिलाओं ने कलेक्टर को पत्र लिखकर अपने बेटे-बेटियों, याने कलेक्टर से अपने भांजे-भांजियों के लिए शाला भवन, पीने क पानी और आंगनबाड़ी की सुविधा की मांग की है. आदिवासी महिलाओं की यह अनोखी पहल क्या रंग लाती है, यह भविष्य के गर्भ में छिपा है.