पूरा देश मना रहा है देवी अहिल्याबाई का 300वां जन्म जयंती वर्ष – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्र से उग्रता कुछ नहीं है। राष्ट्र का हित सर्वोपरि है। भारत देश में महिलाएं तब भी अतिसक्रिय थीं, जब उन्हें कम अधिकार प्राप्त थे और आज भी वे अत्यधिक ही दलित थीं। महारानी दुर्गावती और देवी अहिल्याबाई ने अपने साहस, शौर्य, पराक्रम और कौशल से न केवल साम्राज्यवादी प्रशासन व्यवस्था को एक आदर्श प्रस्ताव में शामिल किया। दोनों का जीवन आसान नहीं था, तीसरे जीवन में नाना प्रकार के संघर्ष थे, संघर्ष थे, बोरायां जहां, दुस्वारियां थीं, फिर भी बाकी लोग हार नहीं माने और अंत में: सारी ताकतों से सेनानियों और समर्थकों ने अपनी-अपनी जगह हासिल की। यही कारण है कि आज हम उनके संभावितों के बारे में जानते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को भोपाल की महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में छात्राओं से आत्मीय संवाद कर रहे थे।
सीएम की पाठशाला
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉलेज के फैशन टेक्नोलॉजी विभाग की छात्राओं से अपने क्लासरूम में ‘सीएम की पाठशाला’ में सभी बेटियों से गुरु तुल्य व पिता तुल्य संवाद किया। मध्य प्रदेश की महारानी दुर्गावती और लोकमाता देवी अहिल्याबाई के सम्पूर्ण जीवन वृत्तान्त पर रोचकता डंका महला महला का ज्ञान। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मद्रास के अलमद में सहभागी बनकर उनके साथ सेल्फी भी ली।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महारानी दुर्गावती ने अकबर की सेना के साथ युद्ध किया और अंतत: खुद को न्योछावर कर दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि महारानी दुर्गावती ने जबलपुर में आधारताल, मदन महल बनवाया था। ऐसी जल संरचनाएं बनाई गईं कि एक तालाब के बाद अगला तालाब, उसके बाद उसके अगले तालाब में जल संरक्षण हो रहा है। इस पेज को जल संरक्षण की प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि तकनीक के मामले में तब के शासक भी अग्रणी थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्य प्रदेश की महारानी दुर्गावती की शौर्य गाथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि हमें यह गर्व की बात है कि वे मध्य प्रदेश की महारानी हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लोकमाता देवी अहिल्याबाई के बारे में प्रिया को बताया कि उन्होंने अपने करीब 28 साल के शासन काल में देश पर शासन व्यवस्था की एक नई परिभाषा बताई। उन्होंने स्थान-स्थान पर मंदिर भवन, घाट भवन, यात्रियों के लिए विश्राम गृह, अन्न क्षेत्र, तीर्थ क्षेत्र भवन बनाए। महिला संप्रदाय की जोड़ी बनी देवी अहिल्याबाई ने विधवा विवाह किया। इससे वे तत्सम विधवाओं के जीवन में एक नया सवेरा लेकर आए। उन्होंने सबके साथ समान रूप से न्याय किया। वे एक अच्छी बेटी, अच्छी बहू, अच्छी पत्नी के साथ एक ममतामयी माँ भी थीं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देवी अहिल्याबाई को न केवल उनके माता-पिता ने अपने सास-ससुर के साथ अपनी बेटी की तरह पाला था और अपने पुत्रों से भारी देवी अहिल्याबाई को सत्य के सूत्र सूत्र, शासन बनाए रखने का प्रशिक्षण भी दिया था। अहिल्याबाई ने जीवनपर्यंत नारी संघ के लिए काम किया। उन्होंने तीरंदाज़ी महिलाओं को लात मारकर महेश्वरी रोज़गार में कुशल बनाया। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर बनीं। महेश्वरी सा पौधा हमें देवी अहिल्याबाई की याद दिलाती है। अहिल्याबाई ने अपनी सास गोतमाबाई से प्राप्त खस्सी की नकदी से कई मंदिर और घाट बनाए। महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया। वे सात्विक अर्थों में नारी संप्रदाय का एक आदर्श व्यक्तित्व थे। उन्हें सिखाया जाता है कि मंदिर और तीर्थ यात्रा केवल पूजा के लिए नहीं होती है, इससे पर्यटन बढ़ता है और पर्यटन और देश से आंतरिक संबंध जुड़े होते हैं, इससे सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा मिलता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि देवी अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को एक मराठा हिंदू परिवार के चांडी नामक गांव में हुआ था, जो महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित है। 31 मई को उनके जन्म के 300 वर्ष पूरे हो रहे हैं, यही कारण है कि आज न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में उनका 300वां जन्म वर्ष हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 31 मई को स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी देवी अहिल्याबाई की स्मृति में आयोजित महिला संरक्षण महासम्मेलन में भोपाल पधार रहे हैं। उन्होंने बेटी से कहा कि वे कार्यक्रम में अतिथि और देवी अहिल्याबाई के व्यक्तित्व कृतित्व से प्रेरणा लें।
‘सीएम की पाठशाला’ कार्यक्रम में बेटी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव से प्रश्न भी पूछें। मुख्यमंत्री ने सभी बौद्धों के बड़ी सहजता और मनुहार के साथ उत्तर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव महिला ने पॉलिटेक्निक कॉलेज में ‘होलिस्टिक अप्सिलिंग नारी शक्ति प्रोजेक्ट’ के तहत चीनी मिट्टी से तैयार किए गए नए-नए घरेलू उत्पाद, लिट लैंप, डिजाइनर मिरर, फेब्रिक, डीजेनर कुर्ते-कुर्ती और अन्य प्रादर्शों का नारा दिया और बेटियों के नवाचारों के मुक्तकंठ से तैयार किए। इस पर क्षेत्रीय विधायक श्री भगवानदास सबनानी, संग्रहालय श्री पुस्तकालय यति, कॉलेज के कार्यशाला श्री राव सहित अन्य समुदाय, अपवित्र अधिकारी एवं कॉलेज के शिक्षक एवं सचिवालय निवास स्थान।