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कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी पर हमला, बाल-बाल बचीं उम्मीदवार

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ShivFeb 23, 20251 min read

कोटा।  न्यायधानी के कोटा क्षेत्र में आज कांग्रेस समर्थित जनपद…

महापौर मीनल चौबे और 70 पार्षद 27 फरवरी को लेंगे शपथ, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और मंत्रिगण भी होंगे शामिल…

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ShivFeb 23, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे…

February 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

भ्रमण तो बहाना है, असल में निगम के पैसों से पिकनिक मनाना है…, महापौर-पार्षदों के भ्रमण पर उठ रहे सवाल…

रायपुर। शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने और स्वच्छता रैंकिंग में अव्वल आने का हवाला देकर थोक में नगर निगम पार्षद – अधिकारी दूसरे प्रदेशों का दौरा करते हैं. लेकिन इन दौरों का कोई फायदा होता अभी तक नजर नहीं आया है, उल्टे राजधानी की जनता की पैसों की बर्बादी के साथ निगम की रैंकिंग में गिरावट ही देखने को मिली है. 

रायपुर नगर निगम के 65 जनप्रतिनिधि और अधिकारी एक बार फिर अध्ययन भ्रमण पर हैं. इस बार ये दौरा बैंगलुरु और मैसूर के शहर का है जिसमें रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, एमआईसी सदस्य, पक्ष और विपक्ष के पार्षद और अधिकारी शामिल हैं. महापौर अध्ययन भ्रमण में इस बार यह समझने के लिए निकले हैं कि रायपुर स्वच्छता रैंकिंग में आखिर पीछे क्यों रह जाता है. जानकर ये हैरानी होगी कि साल 2022 में 80 से अधिक पार्षद और अधिकारी इंदौर और चंडीगढ़ इन्हीं व्यवस्थाओं के अध्ययन दौरे पर थे, जिसके परिणामस्वरूप रायपुर की रैंकिंग 6वें से सीधे 11वें स्थान पर आ गिरी थी.

इंदौर और चंडीगढ़ के भ्रमण व्यय की बात करें तो इस पर 40 लाख रुपए फूंक दिए गए थे. चंडीगढ़ के एक माडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़ निगम के भी इस दौरे पर 12 लाख रुपए खर्च हुए थे. इससे साफ है कि निगम पदाधिकारियों का दौरा अन्य राज्यों को भी इसका बोझ उठाना पड़ता है. और इतने खर्चे के बाद राजधानी की तस्वीर में कोई बदलाव नजर नहीं आता. कचरा हर दिन की तरह राजधानी की सड़कों पर नजर आता है. ओपन ड्रेनेज सिस्टम हर साल जनता की परेशानी का सबब बनता है. लोगों के घरों में गंदा पानी घुसता है, बीमारियां फैलती है, एसटीपी फेल हो जाते हैं, हज़ारों मछलियाँ मरती हैं, और अंत में अध्ययन भ्रमण की सच्चाई सबके सामने होती है.

पिछले पांच सालों में रायपुर निगम के जन प्रतिनिधियों का यह दूसरा दौरा है, जिससे नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने तौबा कर लिया है. उनका कहना है कि पिछले दौरे से सीखी और समझी गई चीज़ों पर अमल नहीं किया गया. नेता प्रतिपक्ष के इस बयान से साफ है कि भ्रमण महज निगम के पैसों पर पिकनिक जाने का बहाना है.