Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ मामले को लेकर ED पर कसा तंज, कहा- आपके मूल अधिकार हैं तो जनता के भी..?

नई दिल्ली/रायपुर।   प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास यदि मूल अधिकार हैं, तो आम जनता के भी ऐसे ही अधिकार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया है. ED ने आर्टिकल 32 के तहत एक याचिका शीर्ष अदालत में प्रस्तुत की थी, जिसमें छत्तीसगढ़ के नागरिक आपूर्ति निगम में हुए घोटाले की जांच को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यदि ED के पास अपने मूल अधिकार हैं, तो उसे जनता के अधिकारों का भी ध्यान रखना चाहिए. बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि आर्टिकल 32 के तहत याचिका तभी स्वीकार की जा सकती है, जब मूल अधिकारों का उल्लंघन हुआ हो. इसके बाद, ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है.

ED ने पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और अन्य के खिलाफ चल रहे मामले में एक अर्जी दाखिल की है. ये सभी 2015 के एक मामले में आरोपी हैं, जिसमें नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा चावल की खरीद और वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाया गया है. ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ का आपराधिक न्याय प्रणाली इस जांच को प्रभावित कर रही है, जहां गवाहों को धमकाया जा रहा है और जांचकर्ताओं पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा है. ईडी ने इस मामले को नई दिल्ली में पीएमएलए के तहत विशेष अदालत में स्थानांतरित करने और नए सिरे से ट्रायल शुरू करने की मांग की है.

एजेंसी ने बताया कि इस मामले की जांच पर 2018 में सरकार के परिवर्तन का गहरा प्रभाव पड़ा. टुटेजा तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निकट हो गए और उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की गई, जिससे जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया. इसके अलावा, एजेंसी ने एसआईटी के सदस्यों और टुटेजा के बीच हुई वॉट्सऐप चैट्स का उल्लेख किया और कॉल रिकॉर्ड का डेटा भी प्रस्तुत किया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की याचिका पर सवाल उठाए, यह कहते हुए कि यह आश्चर्यजनक है कि ईडी जैसी संस्था ने सरकार की एजेंसियों के खिलाफ याचिका दायर की है. अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी की ओर से पेश होकर याचिका वापस लेने की बात कही।