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PCC चीफ बैज ने बढ़ते अपराध पर सरकार को घेरा, रायपुर दक्षिण उपचुनाव पर बोले – हार की करेंगे समीक्षा

PCC चीफ बैज ने बढ़ते अपराध पर सरकार को घेरा, रायपुर दक्षिण उपचुनाव पर बोले – हार की करेंगे समीक्षा

ShivNov 25, 20241 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था पर सियासत फिर गरमा गई…

November 25, 2024

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लड़खड़ाते आबकारी विभाग को संभालने की जिम्मेदारी आर संगीता और देवेंद्र भारद्वाज पर

रायपुर. आबकारी विभाग विवादों का विभाग रहा. बीते पांच सालों में विभाग में हुए भ्रष्टाचार की गूंज का असर यह रहा कि प्रवर्तन निदेशालय की जांच शुरू हो गई. जांच का दायरा सत्ता में काबिज प्रभावशाली नेताओं और अफसरों तक जा पहुंचा. अब एंटी करप्शन ब्यूरो ने प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर एक नई एफआईआर दर्ज की है.

आबकारी विभाग में हुए घोटाले की जांच में जहां तेजी दिखाई पड़ रही है, वहीं विभाग में अफसरों की तैनाती पर भी सरकार फूंक फूंक कर कदम रख रही है. इसकी वजह यह भी बताई जाती है कि मुख्यमंत्री के अधीन इस विभाग के होने से विभाग की साख बचाकर रखी जा सके. यही वजह है कि पिछली कैबिनेट की बैठक में साय सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि राज्य में अब नई शराब दुकान नहीं खोली जाएगी. सरकार से जुड़े सूत्र यह भी बताते हैं कि मौजूदा व्यवस्था के बीच ही आबकारी से प्राप्त होने वाले राजस्व आय में बढ़ोतरी भी सरकार का लक्ष्य है, लेकिन नियम कायदों पर रहते हुए इस लक्ष्य को पाने के निर्देश दिए गए हैं.

वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग में सचिव आर संगीता को बनाया गया है. यह पहली बार होगा जब किसी महिला आईएएस अधिकारी को आबकारी विभाग का जिम्मा सौंपा गया है. आर संगीता के अधीनस्थ सहयोगी के रूप में देवेंद्र भारद्वाज की नियुक्ति की गई है. भारद्वाज विशेष सचिव नियुक्त किए गए हैं.

ऑर्डिनेंस सर्विसेज के अधिकारी देवेंद्र भारद्वाज मूलतः सक्ती के रहने वाले हैं. नवोदय विद्यालय से पढ़ाई करने के बाद एनआईटी रायपुर से इलेक्ट्रॉनिक और टेलीकम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और ऑर्डिनेंस सर्विस के लिए चुने गए. इसके बाद उन्होंने यूके की रक्षा अकादमी से सैन्य इलेक्ट्रानिक्स और सिस्टम इंजीनियरिंग में एमएससी की पढ़ाई की. बख्तरबंद वाहन उत्पादन और प्रबंधन का व्यापक अनुभव उनके हिस्से हैं. सुधार की दिशा में अभिनव कार्य करने के लिए वाल आफ ग्रेटीट्यूड के रूप में उन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है. नियम कानून के मुताबिक काम करने के लिए देवेंद्र पहचाने जाते हैं.

जांच के घेरे में अफसर

बीते पांच सालों से आबकारी विभाग पर भ्रष्टाचार का संगीन आरोप लगते रहे. अफसरों, नेताओं और कारोबारियों के बने सिंडिकेट ने हजारों करोड़ रुपए का न केवल भ्रष्टाचार किया, बल्कि राज्य के हिस्से में आने वाले राजस्व को भी क्षति पहुंचाई. प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रही है. विभाग के विशेष सचिव रहे एपी त्रिपाठी सलाखों के पीछे हैं. प्रवर्तन निदेशालय के आवेदन पर राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो ने आबकारी विभाग के आधा दर्जन से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है. जाहिर है इस बीच सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती विभाग की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करना है.