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ShivDec 29, 20241 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में आज से तापमान में गिरावट का दौर…

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ShivDec 29, 20243 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक पर सवारी ऑटो और ई-रिक्शा…

रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के 50 जूनियर डॉक्टरों की नौकरी पर मंडराया खतरा, जानिए क्या है मामला…

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ShivDec 29, 20241 min read

रायपुर। लोक सेवा आयोग के जरिए रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में नियुक्त…

पूर्व मंत्री लखमा के घर ED का छापा : 14 घंटे तक पूछताछ के बाद लौटी टीम, कई दस्तावेज जब्त

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ShivDec 29, 20241 min read

रायपुर।     प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने कल पूर्ववर्ती…

नए साल में 17 IPS होंगे प्रमोट, जानिए लिस्ट में कौन-कौन बड़े चेहरे शामिल

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ShivDec 29, 20242 min read

रायपुर। नए साल में छत्तीसगढ़ पुलिस में वरिष्‍ठ रैंक के अफसरों…

December 29, 2024

Apni Sarkaar

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महासमुंद में भीषण गर्मी से बढ़ी शुद्धपेय जल की समस्या, 800 आबादी के गांव में केवल एक बोर

महासमुंद- छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले मे गर्मी के मौसम मे लोगो को शुद्ध पानी के लिए काफी मशक्त करना पड़ रहा है। जिले के ग्राम पंचायत परसदा के गांव जिवतरा में लगभग  200 परिवार रहते हैं और यहां की कुल आबादी 700 – 800 के लिए शुद्ध पेयजल और निस्तारी के केवल 2 बोर हैं। इसमें से एक बोर महीनो से खराब चल रहा है। हैण्ड पंप भी नहीं है।

बता दें, जल जीवन मिशन के तहत साल 2022 में लगभग 74 लाख रुपयो से एक पानी की टंकी बनाई गई और लोगों के घरों में नल के कनेक्शन लगाए गए थे। इस काम को 9 महिने में पूरा करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की लापरवाही और ठेकेदार के मनमानी के कारण अब तक यानि साल 2024 तक भी पूरा नहीं हो पाया और घरों में लगा नल, शो पीस बनकर रह गए हैं।

वहीं एक मात्र बोर जो चालू है, उससे एक सार्वजनिक नल लगा है। इसमें पानी का फोर्स इतना कम है, कि ग्रामीणों को एक बाल्टी पानी लेने में लगभग 15 से 20 मिनट लग जाते हैं। ग्रामीण निस्तारी के लिए एक किलोमीटर दूर गंदे तालाब का इस्तेमाल तो कर लेते हैं, पर पीने के पानी के लिए उन्हे जद्दोजहद करना पड़ता है।

ग्रामिणों ने शुद्ध पेयजल की किल्लत को लेकर ग्रामीण सरपंच, सचिव, जनपद के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधियों से मिलकर शिकायत की, लेकिन अब तक समस्या का हल नहीं निकला। वहीं इस मामले में जनपद सीईओ व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के आला अधिकारी अपना ही राग अलाप रहे हैं। अब ये देखना होगा कि ग्रामीणों की शुद्ध पेयजल की समस्या कब दूर होती है।