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ShivMay 31, 20252 min read

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May 31, 2025

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लचर स्वास्थ्य सुविधाओं की खुली पोल : निमोनिया पीड़ित मासूम को 4 घंटे बाद मिला ऑक्सीजन, अस्पताल में मरीजों को नहीं किया जा रहा भर्ती, BMO ने कहा- होगी कार्रवाई

पिथौरा। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिथौरा में स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है. निमोनिया से पीड़ित तीन वर्षीय मासूम हिमांशु मुखर्जी को अस्पताल लाने के बाद चार घंटे तक ऑक्सीजन नहीं मिल सकी. परिजनों द्वारा लगातार गुहार लगाने के बावजूद मशीनें खराब मिलीं और सिलेंडर काम नहीं कर रहे थे.

जानकारी के अनुसार, हिमांशु को सुबह 6 बजे सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. स्टाफ से बार-बार गुजारिश के बावजूद कोई मदद नहीं मिल पाई. अस्पताल में मौजूद तीन ऑक्सीजन मशीनें खराब निकलीं और सिलेंडरों से गैस नहीं निकल रही थी. स्थिति गंभीर होने पर परिजनों ने मुख्यमंत्री चिकित्सा अधिकारी से फोन पर शिकायत की. साथ ही विधायक डॉ. संपत अग्रवाल को भी सूचना दी गई. विधायक प्रतिनिधि अनुप अग्रवाल और रविंदर आजमानी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. तब जाकर एक चालू मशीन से ऑक्सीजन लगाया गया. करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद मासूम को ऑक्सीजन दिया जा सका, जिसके करीब आधे घंटे बाद उसकी हालत में सुधार आया.

बता दें कि कोविड काल में लाखों रुपये खर्च कर ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था, लेकिन आज वह शोपीस बना हुआ है. समाज सेवकों द्वारा दान की गई मशीनें अस्पताल के कोनों में धूल खा रही हैं.

बच्चे के पिता ललित मुखर्जी ने बताया कि अस्पताल में न समय पर इलाज मिला, न मशीनें काम कर रही थीं. यदि समय रहते ऑक्सीजन मिल जाती, तो हालात इतने बिगड़ते नहीं. वहीं विधायक ने इस गंभीर लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है.

खंड चिकित्सा अधिकारी बयान

खंड चिकित्सा अधिकारी भरत भूषण कोसरिया ने कहा, ऑक्सीजन की सभी मशीनें चालू हैं, लो वोल्टेज की वजह से मशीन काम नहीं कर रही होगी. ड्यूटी में तैनात डॉक्टर और स्टाफ को नोटिस दी जाएगी, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने मरीजों को भर्ती नहीं किये जाने को लेकर कहा कि 50 बिस्तरों वाले अस्पताल में बच्चों को भर्ती नहीं किया जा सकता, वहां के सभी बाथरूम में पानी की सप्लाई और रिसाव की समस्या है. क्षेत्र के विधायक को अवगत करा दिया है और महासमुंद कलेक्टर को भी सूचित कर दिया गया है. खंड चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि मैं खुद चाहता हूं कि बच्चों को 50 बिस्तरों वाले अस्पताल में उचित सुविधा और इलाज मिले.