Special Story

प्राचार्य पदोन्नति आदेश” हाईकोर्ट की डबल बेंच में हुई सुनवाई, अब अगली सुनवाई…

प्राचार्य पदोन्नति आदेश” हाईकोर्ट की डबल बेंच में हुई सुनवाई, अब अगली सुनवाई…

ShivMar 26, 20252 min read

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में लेक्चरर से प्राचार्य पद पर पदोन्नति को…

पराली से बनेगा हरित ईंधन, छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा ग्रीन एनर्जी निवेश

पराली से बनेगा हरित ईंधन, छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा ग्रीन एनर्जी निवेश

ShivMar 26, 20252 min read

बेंगलुरु।  छत्तीसगढ़ में हरित ईंधन के क्षेत्र में निवेश को…

अवैध निर्माण कार्य पर रायपुर नगर निगम की कार्रवाई जारी

अवैध निर्माण कार्य पर रायपुर नगर निगम की कार्रवाई जारी

ShivMar 26, 20251 min read

रायपुर। अवैध कंस्ट्रक्शन को लेकर पिछले कुछ दिनों से रायपुर…

भूपेश बघेल के घर से रवाना हुई CBI की टीम

भूपेश बघेल के घर से रवाना हुई CBI की टीम

ShivMar 26, 20252 min read

रायपुर।  केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने आज महादेव ऑनलाइन सट्टा…

March 26, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सम्राट विक्रमादित्य के जीवन और शासन व्यवस्था से जन-जन को अवगत कराना है विक्रमोत्सव का उद्देश्य : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय ज्ञान परम्परा से “विरासत से विकास’’ के ध्येय को देश में साकार कर रहे हैं। भगवान श्रीराम के बाद सम्राट विक्रमादित्य का शासन ही सुशासन की मिसाल स्थापित करता है। प्रदेश सहित देश के विभिन्न भागों में विक्रमोत्सव अंतर्गत हो रहे कार्यक्रम सम्राट विक्रमादित्य के जीवन के विभिन्न पहलुओं और उनकी शासन व्यवस्था से जन-जन को प्रेरित कराने का एक अभूतपूर्व प्रयास है। आगामी 12-13 और 14 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य पर केन्द्रित भव्य आयोजन होने जा रहा है। इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री श्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रमोत्सव के संबंध में नई दिल्ली में मीडिया के लिए जारी संदेश में ये विचार व्यक्त किए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि न्यायप्रियता, ज्ञानशीलता, धैर्य, पराक्रम, पुरूषार्थ, वीरता और गंभीरता जैसी विशेषताओं के लिए सम्राट विक्रमादित्य का संपूर्ण भारत के साथ ही विश्व में आदर के साथ स्मरण किया जाता है। सम्राट विक्रमादित्य द्वारा विदेशी आक्रांताओं को पराजित कर 2082 वर्ष पहले विक्रम संवत का प्रवर्तन किया गया था। उन्होंने सुशासन के सभी सूत्रों को स्थापित करते हुए अपने सुयोग्य 32 मंत्रियों का चयन किया, इसीलिए उनके सिंहासन को “सिंहासन बत्तीसी’’ कहा जाता है। सम्राट विक्रमादित्य ने गणराज्य की स्थापना कर लोकतांत्रिक व्यवस्था का क्रियान्वयन आरंभ किया। साथ ही जनता के लिए जवाबदेह नवरत्नों का मंत्री-मंडल गठित कर ऐसी व्यवस्था की जिसमें राजा नहीं बल्कि नौ मंत्रियों द्वारा लिए गए निर्णयों का शासन द्वारा क्रियान्वयन किया जाता था। सुशासन के लिए वर्तमान में क्रियान्वित मापदंड सम्राट विक्रमादित्य के काल की याद दिलाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर राशि देकर व्यापार-व्यवसाय को प्रोत्साहित किया और हर व्यक्ति के लिए आशियाने की बात कही। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी शहरी हो या गरीब सभी के लिए पक्के मकान की व्यवस्था के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। उनके द्वारा बिना ब्याज के धन राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी की गई है। शिक्षा, न्यायप्रियता प्रत्येक क्षेत्र में भारत को आगे बढ़ाने के लिए सम्राट विक्रमादित्य का काल और आज के इस काल में अनेकों समानताएं हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विक्रमोत्सव भारतीय ज्ञान परम्परा के विभिन्न पहलुओं के प्रकटीकरण का एक माध्यम है। सम्राट विक्रमादित्य का व्यक्तित्व और शासन पद्धति, विभिन्न पक्ष हैं। उनके शासन काल में प्रत्येक मंत्री अलग विषयों के विशेषज्ञ थे जो देश के अलग-अगल क्षेत्रों से आकर सम्राट विक्रमादित्य की शासन व्यवस्था से जुड़कर, व्यवस्था को सुशासन में बदलने का कार्य कर रहे थे। माना जाता है कि तीन भाईयों की जोड़ी विश्व में प्रसिद्ध है, इनमें प्रथमत: भगवान श्रीराम और लक्ष्मण की, भगवान श्रीकृष्ण और बलराम की तथा तीसरी जोड़ी सम्राट विक्रमादित्य और भृतहरि की है। यह तीसरी जोड़ी मध्यप्रदेश से है। यह सौभाग्य का विषय है कि सम्राट विक्रमादित्य की राजधानी उज्जैन रही।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुड़ी पड़वा पर सम्राट विक्रमादित्य के जीवन चरित्र पर केन्द्रित आयोजन सम्पूर्ण प्रदेश में होंगे। राज्य के बाहर भी सम्राट विक्रमादित्य पर आधारित महानाटिका के माध्यम से उनके जन-हितैषी कार्यों की जानकारी जन-जन को देने का प्रयास किया जा रहा है। गत वर्ष हैदराबाद में इसी प्रकार का आयोजन किया गया था, यह अभियान लगातार जारी रहेगा।