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छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

April 19, 2025

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नक्सलियों के करोड़ों के लेव्ही वसूलने के मनी ट्रेल का पर्दाफाश, आईजी ने किया खुलासा, जानिए कैसे आदिवासी नेता के फ्लाइट टिकट से खुला राज…

मोहला-मानपुर। नक्सलियों के लेव्ही वसूलने के मनी ट्रेल का पर्दाफाश करते हुए मोहला-मानपुर पुलिस ने 5 नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपियों द्वारा एक करोड़ रुपए से अधिक का लेव्ही वसूलकर नक्सलियों को भेजे जाने का सबूत मिला है. लेव्ही वसूलने के साथ आरोपी नक्सलियों को सामानों की भी सप्लाई किया करते थे. 

आईजी दीपक झा ने प्रेस कांफ्रेंस में पकड़े गए आरोपियों को मीडिया के सामने पेश करने के साथ उनकी गतिविधियों का भी पर्दाफाश किया. पकड़े गए आरोपियों में मानपुर निवासी विवेक सिंह के अलावा बीजापुर जिले के चार अन्य नक्सल सहयोगी सोनाराम फरसा पिता स्व. पांडूराम फरसा (28 वर्ष), विजय जुर्री पिता स्व. संतूराम जुर्री (32 वर्ष), रामलाल करमा पिता तुपाराम करमा (35 वर्ष) और राजेंद्र कड़ती पिता स्व. बुगुर कड़ती (30 वर्ष) शामिल हैं.

लेव्ही से जुड़े फ्लाइट टिकट के तार

थाना मदनवाड़ा अंतर्गत गिरफ्तार नक्सल सहयोगी सूरजू राम टेकाम के मामले की विवेचना क्रम में ज्ञात हुआ कि सुरजू राम टेकाम माओवादी संगठन के विचारधारा के प्रचार-प्रसार एवं शहरी नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए लगातार शहरी क्षेत्रों में भ्रमण कर रहा था. भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (माओवादी) संगठन द्वारा पर्दे के पीछे से प्रायोजित ऑपरेशन कगार, कार्पोरेटीकरण, सैनिकीकरण के विरोध में 23 मार्च 2024 को कार्यक्रम था, जिसमें सम्मिलित होने के लिए सूरजू राम टेकाम 22 मार्च को फ्लाइट के माध्यम से रायपुर से दिल्ली गया था. दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट टिकट नक्सलियों के लेव्ही से प्राप्त रुपयों से सूरजू राम टेकाम एवं सौनाराम फरसा के लिए टिकट बुक कराई गई थी.

सोनाराम फरसा को सूरजू राम टेकाम के द्वारा सम्पर्क करके दिल्ली जाने के लिए फ्लाइट टिकट एवं यात्रा खर्च के लिए नक्सलियों के लेव्ही से प्राप्त रुपए में से कुछ पैसे भेजने के लिए बोला और साथ में चलने के लिए कहा. तब सोनाराम फरसा ने ठेकेदार से प्राप्त नक्सलियों के लेव्ही रुपए में से अपने खाते के माध्यम से सूरजू राम टेकाम के बताए खाते पर पैसे भेजा. तब सूरजू राम टेकाम ने उस अकाउंट से फ्लाइट टिकट बुक करने के लिए विवेक सिंह को पैसे भिजवाया. विवेक सिंह ने सूरजू राम टेकाम के कहने पर नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को लगातार अलग-अलग माध्यम से सहयोग कर रहा था, और एक-दूसरे से सम्पर्क में थे.

कैसे करते थे लेव्ही वसूली

नक्सलियों के द्वारा भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदारों को जान-माल नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर सोनाराम फरसा, विजय जुरी, रामलाल करभा और राजेंद्र कड़ती के माध्यम से लेव्ही वसूली की जा रही थी. इन चारों को वर्ष 2022 में एक करोड़ रुपए लेव्ही वसूलने का टारगेट दिया गया था. जिसके लिए भैरमगढ़ क्षेत्र में तेंदूपत्ता ठेकेदार से जंगल क्षेत्र में काम करने के एवज में नक्सलियों ने सोनाराम फरसा, विजय जुरी, रामलाल करमा और राजेंद्र कड़ती की सहायता से ठेकेदार की जान-माल नुकसान पहुंचाने का धमकी देकर करोड़ो रुपयों की लेव्ही वसूली किए.

सोनाराम फरसा, विजय जुर्री, रामलाल करमा, राजेंद्र कड़ती ने अपने बैंक अकाउंट के माध्यम से लेव्ही के तकरीबन 60 लाख रुपए प्राप्त किए और बाद में बैंक से नगदी निकालकर नक्सलियों को पहुंचाने का कार्य करते थे. राजेंद्र कड़ती का बड़ा भाई मोहन कड़ती कुख्यात नक्सली कमांडर भैरमगढ़ क्षेत्र का है. उक्त सभी कई सालों से नक्सलियों से मिलकर ठेकेदारों से लेव्ही वसूली, नक्सलियों को राशन, दवाई व अन्य जरूरत की सामग्री का सप्लाई कर रहे थे.

उक्त मामले में भैरमगढ़ क्षेत्र के निवासी सोनाराम फरसा, विजय जुरी, रामलाल करमा और राजेंद्र कड़ती ने ठेकेदार से नक्सलियों के लिए लेव्ही वसूली ऑनलाइन बैंक खाते के माध्यम से किए और बैंक से नगदी निकालकर नक्सलियों तक पहुंचाए. उक्त सहयोगियों के द्वारा माओवादियों के आदेश पर शहरी नेटवर्क को सपोर्ट करने के लिए नक्सल संगठन के शहरी सदस्यों के यात्रा एवं अन्य खर्चों के लिए ऑनलाइन पैसे ट्रासंफर करते थे, जिसके तहत सूरजू राम टेकाम के यात्रा हेतु लेव्ही का रुपए पैसे दिया गया.

इन पुलिस अधिकारियों की रही भूमिका

नक्सल विरोधी अभियान अंतर्गत पुलिस महानिरीक्षक राजनांदगांव दीपक झा (आईपीएस) के निर्देशन एवं जिला मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह (आईपीएस) के मार्गदर्शन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर (आईपीएस), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीताम्बर पटेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) डीसी पटेल के दिशानिर्देश में एसडीओपी मयंक तिवारी द्वारा माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की गई.