Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा छत्तीसगढ़ में हेड ऑफ फॉरेस्ट की नियुक्ति का मामला, कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स की नियुक्ति को लेकर उठा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में दो बार सुनवाई के बाद याचिका को स्वीकार कर लिया है और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई जून महीने में हो सकती है।

बता दें कि यह याचिका 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी वी. श्रीनिवास राव की नियुक्ति के खिलाफ दायर की गई है। आरोप है कि भूपेश सरकार ने पांच सीनियर अधिकारियों को नजरअंदाज करते हुए राव को हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स नियुक्त किया। राव की इस नियुक्ति को सबसे वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी और वर्तमान में पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) पद पर कार्यरत सुधीर अग्रवाल ने चुनौती दी है।

सुधीर अग्रवाल ने शुरुआत में उन्होंने यह मामला केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) में उठाया था, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिलने पर उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट से भी निराशा मिलने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।

अब तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर दो बार सुनवाई हो चुकी है। अदालत ने याचिकाकर्ता के तर्कों को सुनने के बाद याचिका स्वीकार कर ली है और राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।