Special Story

पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव, एडिशनल एसपी, डीएसपी समेत कुल 50 अफसरों के तबादले, देखिए सूची-

पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव, एडिशनल एसपी, डीएसपी समेत कुल 50 अफसरों के तबादले, देखिए सूची-

ShivJan 20, 20251 min read

रायपुर। प्रदेश में नगरी निकाय चुनाव से पहले ट्रांसफर का…

मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गेंदसिंह के शहादत दिवस पर उन्हें किया नमन

मुख्यमंत्री ने अमर शहीद गेंदसिंह के शहादत दिवस पर उन्हें किया नमन

ShivJan 20, 20251 min read

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अमर शहीद गेंदसिंह के शहादत…

January 20, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कोसाफल उत्पादन कर समूह की आजीविका में हुई वृद्धि, समृद्धि की ओर अग्रसर हुआ स्व-सहायता समूह

रायपुर।     जहाँं चाह – वहाँ राह इस उक्ती को चरितार्थ कर दिखाया है जांजगीर चांपा जिले के ग्राम बुंदेला के स्व-सहायता समूह ने, इस समूह के सदस्यों को प्रतिवर्ष 70 से 75 हजार रूपए का मुनाफा होने लगा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और रेशम विभाग से हुए 41 हजार अर्जुन के पौधरोपण से पर्यावरण हरा-भरा हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इन पौधारोपण से स्व सहायता समूह आजीविका के साथ आय अर्जित कर वृद्धि करते हुए हुए समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। यह समृद्धि जिला मुख्यालय जांजगीर चांपा से 40 किलोमीटर दूर पामगढ़ विकासखंड के गाँव बुंदेला में देखने को मिल रही है। यहाँ करीब चार साल पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और रेशम विभाग के अभिसरण के साथ से अर्जुन (कौहा) के पौधे रोपे गए थे। रोपण के बाद, पौधे बढ़े होने लगे तो इनमें कोसाफल उत्पादन का कार्य शुरु किया गया और कोसा कृमिपालन करते हुए स्व-सहायता समूह के सदस्यों को प्रतिवर्ष 70 से 75 हजार रूपए का मुनाफा होने लगा।

जांजगीर-चांपा के विकासखण्ड पामगढ़ के बुंदेला ग्राम पंचायत है। यहाँ लगभग 10 हेक्टेयर की शासकीय भूमि अनुपयोगी एवं खाली पड़ी थी। जिस पर अवैध रूप से कब्जा बना हुआ था, इस जमीन पर कब्जाधारियों से मुक्त कराकर ग्राम पंचायत के सहयोग से इस भूमि का उपयोग गाँव की महिलाओं की आजीविका की समृद्धि के लिए शुरू करने की योजना बनाई गई। रेशम विभाग द्वारा इस जमीन पर अर्जुन का पौधरोपण करने का प्लान तैयार किया गया। और वर्ष 2018 में रेशम विभाग और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) से 4 साल की कार्ययोजना तैयार करते हुए 41 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए मनरेगा से पौधरोपण व जल संरक्षण एवं संचय के रूप में प्रशासकीय स्वीकृति 14.188 लाख रूपए दिए गए। पौधरोपण के कार्य में महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से जॉबकार्डधारी परिवारों ने काम करते हुए और रेशम विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन ने कार्य को बेहतर बनाया और चार साल की इस परियोजना की शुरूआत की गई। इसमें पहले साल 40 हजार पौधे रोपे गए जिसमें गाँव के मनरेगा श्रमिकों को 918 मानव दिवस का सीधा रोजगार मिला था और मजदूरी भी मिली। उपसंचालक रेशम मनीष पंवार ने बताया कि 2018 में अर्जुन के पौधों का रोपण वैज्ञानिक पद्धति से किया गया था। इसके लिए सभी पौधों को कतार से कतार में पौधे से पौधे में निर्धारित दूरी पर रोपा गया था, ताकि ये अच्छी तरह से बड़े हो सके। वर्तमान में इनकी लंबाई 6 से 7 फीट तक हो चुकी है। यहाँ कोसाफल का उत्पादन का कार्य गांव के ग्रामीणों ने कोसा कृमिपालन स्व-सहायता समूह बनाकर कार्य करना शुरू किया और रेशम विभाग द्वारा समूह को प्रशिक्षण भी दिया गया है और नियमित अंतराल पर तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। चार साल में पौधरोपण और उनके संधारण का कार्य करते हुए मनरेगा के श्रमिकों को 3 हजार 429 मानव दिवस सृजित भी हुआ।

समूह के मनोज साहू का कहना हैं कि खेती-किसानी के साथ ही इस कार्य को करने से अतिरिक्त आमदनी हो रही है। गांव में युवाओं, महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। इस कार्य में अन्नपूर्णा साहू, नम्रता साहू, सुरेन्द्र कुमार साहू, सोनसाय साहू, सतीश निर्मलकर कार्य करते हुए आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। इस वर्ष 25 हजार कोसाफल के उत्पादन संभावित है। जिसे स्थानीय एवं चांपा के कोसा कपड़ा व्यवसाय करने वालों को बेचकर मुनाफा अर्जित करेंगे। इसके पूर्व के वर्ष में भी समूह को 70 से 75 हजार रूपए की आमदानी हो रही है।