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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कल बिलासपुर जिले को देंगे 143 करोड़ की लागत के विकास कार्यों की सौगात

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ShivNov 22, 20243 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 23 नवंबर को बिलासपुर को…

छत्तीसगढ़ में दूसरे राज्यों का धान खपाने की कोशिश नाकाम, 3654 बोरी धान जब्त

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ShivNov 22, 20241 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होते ही दूसरे राज्यों…

मानव-हाथी द्वंद रोकने की दिशा में साय सरकार कर रही लगातार प्रयास

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ShivNov 22, 20244 min read

रायपुर।     छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग सहित…

विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान मौत, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, परिजनों ने चौकी में किया था पथराव…

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ShivNov 22, 20242 min read

दुर्ग। केंद्रीय जेल में निरुद्ध विचाराधीन कैदी की उपचार के दौरान…

रायपुर अब नहीं रहा सुरक्षित! चाकू की नोक पर हुई लूट

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ShivNov 22, 20241 min read

रायपुर।  कांपा मोवा रोड पर जूपिटर मोपेड सवार दो बदमाशों…

November 22, 2024

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जो कहेंगे सच कहेंगे

आप और सपा के साथ कांग्रेस के समझौते से दांव पर लगी दिग्गजों की विरासत, नया विकल्प तलाशने की मजबूरी…

नई दिल्ली। इस बार लोकसभा चुनाव कई मायनों में खास रहने वाला है. घटते आधार के बीच अपने अहम को दरकिनार कर आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ गुजरात और उत्तर प्रदेश में सीटों को लेकर ऐसा समझौता किया है, जिससे दिग्गज नेताओं की विरासत खतरे में पड़ गई है. ऐसे में इन दिग्गजों को नया विकल्प तलाश करना पड़ रहा है.

कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एक तरफ उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है. वहीं दूसरी ओर पार्टी ने दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, चंडीगढ़ और गोवा में आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ किया है. यूपी में हुए समझौते के तहत फर्रुखाबाद सीट से समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है. इस सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद चुनाव लड़ते रहे हैं.

समझौते से पारंपरिक सीट छिन जाने का दर्द खुर्शीद अहमद अपने X हैंडल से किए एक पोस्ट में लिखा, ‘फ़र्रुखाबाद से मेरे रिश्तों के कितने इम्तहान का सामना करना पड़ेगा? सवाल मेरा नहीं, हम सबके मुस्तकबिल का है. आने वाली नस्लों का है. किस्मत के फैसलों के सामने कभी झुका नहीं. टूट सकता हूं, झुकूंगा नहीं. तुम साथ देने का वादा करो, मैं नगमे सुनाता रहूं’.

वहीं आप के साथ हुए समझौते से गुजरात की भरूच सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल के परिवार के हाथ से चली गई है. भी AAP के खाते में चली गई है. अहमद पटेल की बेटी गुमताज पटेल को उम्मीद थी कि पार्टी भरूच से उन्हें या उनके भाई फैसल को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाएगी.

सीट छिन जाने पर मुमताज पटेल ने अपने X हैंडल पर पोस्ट में लिखा, ‘गठबंधन में भरूच लोकसभा सीट सुरक्षित नहीं कर पाने के लिए हमारे जिला कैडर से दिल की गहराइयों से माफी मांगती हूं. मैं आपकी निराशा समझ सकती हूं. हम साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए फिर से संगठित होंगे. हम अहमद पटेल की 45 साल की विरासत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे’.

उत्तर प्रदेश में केवल फर्रुखाबाद ही नहीं बल्कि लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट से कांग्रेस के रवि वर्मा अपनी बेटी पूर्वी वर्मा को टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे. लेकिन समझौते के तहत यह सीट भी सपा के खाते में चली गई. वहीं बसपा छोड़कर कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री नकुल दुबे सीतापुर और लखनऊ सीटों में से किसी एक पर टिकट की आस लगाए बैठे थे. इनमें से लखनऊ सीट सपा के पास चली गई है।

वहीं सीतापुर से कांग्रेस पूर्व विधायक राकेश राठौर को उतारने की तैयारी में है. यही नहीं पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी जालौन से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन यह सीट भी सपा ने ले ली है. इसके अलावा कांग्रेस नेता राजेश पति मिश्र भदोही से किस्मत आजमाना चाह रहे थे, लेकिन यह सीट भी समझौते के तहत समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई है.

कांग्रेस यूपी में सपा के साथ गठबंधन में जिन 17 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी, उनमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलदंशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया शामिल है.